सारंगढ़-बिलाईगढ़

गोमर्डा अभयारण्य में आग लगाकर भागना पड़ा महंगा, दो आरोपी जेल भेजे गए…

बरमकेला। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के गोमर्डा अभयारण्य में आग लगाकर भागने वाले दो आरोपियों को वन विभाग ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह घटना भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27 और 30 के तहत दंडनीय अपराध मानी गई, जिसके आधार पर कानूनी कार्रवाई की गई।

क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, कक्ष क्रमांक 969 (आरक्षित क्षेत्र) में दो आरोपी—मोतीराम पिता चैतराम पटेल (गांव पीपरखूंटा) और दुष्यंत बरीहा पिता धोबा बरीहा (गांव कपरतूंगा बड़े, थाना एवं तहसील बरमकेला)—ने जंगल में शराब के नशे में बहस के बाद तीन-चार स्थानों पर आग लगा दी।

बैरियर के पास वनरक्षक दीपिका कुर्रे ने जब उन्हें भीतर जाने से रोका, तो दोनों आरोपियों ने विवाद शुरू कर दिया और गुस्से में जंगल में आग लगाने लगे। इस दौरान फायर वॉचर की नजर उन पर पड़ी, जिसने तत्काल वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी।

अधिकारियों की सतर्कता से हुई गिरफ्तारी
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम सक्रिय हुई और क्षेत्र की घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई में हीरालाल नायक (वनपाल), प्रफुल कुमार हरवंश (वनरक्षक), हीरालाल चौधरी (वनरक्षक), विजय कुमार भोय (वनरक्षक) और जयप्रकाश नायक (बैरियर गार्ड) की अहम भूमिका रही।

गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

जंगल में आग लगाना अपराध, सतर्क रहें
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि जंगलों में आग लगाना गंभीर अपराध है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है बल्कि वन्य जीवों का भी जीवन संकट में पड़ जाता है। जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग ने टोल-फ्री नंबर 1800-233-7000 जारी किया है, जिस पर कोई भी नागरिक सूचना दे सकता है।

इसके अलावा, फायर वॉचर्स और वन कर्मियों की टीमें लगातार गश्त कर जंगलों में आगजनी की घटनाओं पर नजर बनाए रखेंगी। वन विभाग ने सख्त चेतावनी दी है कि जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)
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