कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल : वरिष्ठ नेताओं को नई जिम्मेदारियाँ, चुनावी तैयारियों को मिलेगी मजबूती; देखें सूची …

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी संगठन को नई ऊर्जा देने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) में बड़ा फेरबदल किया है। इस बदलाव के तहत नए महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों की नियुक्ति की गई है। आगामी चुनावों को देखते हुए इन नियुक्तियों को कांग्रेस की रणनीतिक तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। इस फेरबदल में जहां कुछ अनुभवी नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ दी गई हैं, वहीं कुछ वरिष्ठ नेताओं को उनके पदों से हटाया भी गया है। यह कदम पार्टी में नए नेतृत्व को उभारने और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती देने के लिए उठाया गया है।

नए महासचिवों की घोषणा : पार्टी नेतृत्व ने संगठन में मजबूती लाने के लिए दो नए पार्टी महासचिवों को जिम्मेदारी सौंपी है:
✔ श्री भूपेश बघेल – पंजाब
✔ डॉ. सैयद नसीर हुसैन – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
डॉ. सैयद नसीर हुसैन को कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय से जुड़े उनके मौजूदा दायित्व से मुक्त कर दिया गया है।
राज्यों के लिए नियुक्त नए प्रभारी : कांग्रेस ने नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नए प्रभारियों की नियुक्ति की है, जिन पर पार्टी की चुनावी तैयारियों को धार देने की जिम्मेदारी होगी।
- रजनी पाटिल – हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ की प्रभारी नियुक्त।
- बी.के. हरिप्रसाद – हरियाणा के प्रभारी नियुक्त।
- हरीश चौधरी – मध्य प्रदेश के प्रभारी नियुक्त।
- अजय कुमार लल्लू – ओडिशा के प्रभारी नियुक्त।
- गिरीश चोडनकर – तमिलनाडु और पुडुचेरी के प्रभारी नियुक्त।
- के. राजू – झारखंड के प्रभारी नियुक्त।
- मीनाक्षी नटराजन – तेलंगाना की प्रभारी नियुक्त।
- सप्तगिरि शंकर उल्का – मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और नागालैंड के प्रभारी नियुक्त।
- कृष्णा अल्लावरु – बिहार के प्रभारी नियुक्त।
इन नेताओं को किया गया मुक्त : कांग्रेस ने संगठन में बदलाव के तहत कुछ वरिष्ठ नेताओं को उनके पदों से मुक्त किया है और उनके योगदान की सराहना की है। इनमें शामिल हैं:
- दीपक बावरिया
- मोहन प्रकाश
- भरतसिंह सोलंकी
- राजीव शुक्ला
- डॉ. अजय कुमार
- देवेंद्र यादव
चुनावी तैयारियों को धार देने की रणनीति : कांग्रेस के इस बड़े फेरबदल को 2024 के लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद संगठन को पुनर्गठित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन नए महासचिवों और प्रभारियों की नियुक्ति से कांग्रेस जमीनी स्तर पर मजबूती हासिल करेगी और आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को लाभ मिलेगा।
नए चेहरों को मौका, युवा नेतृत्व को बढ़ावा : इस बार के फेरबदल में कांग्रेस ने अनुभवी नेताओं के साथ-साथ युवा नेतृत्व को भी प्राथमिकता दी है। विशेष रूप से सुश्री मीनाक्षी नटराजन और श्री कृष्णा अल्लावरू जैसे नामों की नियुक्ति को पार्टी के भविष्य की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस का मिशन 2029 : राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह बदलाव 2029 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। संगठन में नई ऊर्जा भरने के लिए जिम्मेदारियों का पुनर्वितरण किया गया है ताकि पार्टी को जमीनी स्तर पर अधिक प्रभावी बनाया जा सके। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि यह बदलाव केवल शुरुआत है और आने वाले दिनों में संगठन को और अधिक मजबूती देने के लिए बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।