रायगढ़

आईपीएल सट्टेबाजी पर रायगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई: ₹1.75 लाख नकद, मोबाइल जब्त, सटोरियों का नेटवर्क बेनकाब…

रायगढ़। शहर में फैले ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी के जाल को तोड़ते हुए पुलिस ने एक संगठित सट्टा रैकेट का पर्दाफाश किया है। कोतवाली और चक्रधरनगर थाना क्षेत्र में दो अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर तीन सटोरियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से ₹1.75 लाख नगद और तीन मोबाइल जब्त किए गए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार आरोपी शहरभर में फैले सट्टा नेटवर्क के अहम कड़ियों को उजागर कर चुके हैं, जिससे यह साबित होता है कि यह कोई मामूली जुआ नहीं, बल्कि एक सुनियोजित सट्टा सिंडिकेट है।

गांजा चौक से शुरू हुई सट्टेबाजी की परतें : गांजा चौक स्थित एक पान मसाला दुकान से आरोपी अमित अग्रवाल को उस समय रंगे हाथों पकड़ा गया जब वह मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के मैच में बॉल-टू-बॉल सट्टा खिलवा रहा था। पूछताछ में उसने 8 और सटोरियों के नाम उगले शहबाज, मोहम्मद मजहर, फारूख, एजाज उर्फ मन्नु, धर्मेंद्र शर्मा, मोनू भूटानी, अंकित पानी और भरत रोहिला। इनके खिलाफ ठोस इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि ये लोग मिलकर सट्टा ID और लिंक के जरिए भारी रकम का खेल चला रहे थे।

डिग्री कॉलेज मंडी में दूसरा मोर्चा : पुलिस ने डिग्री कॉलेज सब्जी मंडी के पास दबिश देकर अंकित बानी और भरत कुमार रोहिला को भी गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए ऑनलाइन सट्टा संचालन करते थे। जब्त मोबाइलों में सट्टा लेनदेन से जुड़े डेटा और सट्टा लिंक पाए गए हैं, जो पूरे रैकेट की डिजिटल रीढ़ को उजागर करते हैं।

पुलिस कार्रवाई : सिर्फ शुरुआत : इन तीन गिरफ्तारियों के आधार पर पुलिस अब अन्य फरार सटोरियों की तलाश में दबिश दे रही है। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, सीएसपी आकाश शुक्ला और साइबर डीएसपी अनिल विश्वकर्मा के निर्देशन में यह कार्रवाई अंजाम दी गई। थाना प्रभारी सुखनंदन पटेल के नेतृत्व में गठित संयुक्त टीम में कोतवाली, चक्रधरनगर थाना और साइबर सेल के अधिकारी और स्टाफ शामिल थे, जिनकी सक्रियता से यह बड़ी सफलता मिली।

सवालों के घेरे में प्रशासन और समाज : अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या यह रैकेट यहीं तक सीमित है, या इसके तार राजनीति, प्रशासन और रसूखदार तबकों से भी जुड़े हैं? क्या बड़े आयोजनों के नाम पर गरीब और बेरोजगार युवाओं को इस गंदे खेल में झोंका जा रहा है? और क्या यह मामला सिर्फ जुए का है या इसके पीछे मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन की बड़ी साजिश भी छुपी है?

पुलिस की अपील : चुप मत रहिए, सच्चाई बताइए – रायगढ़ पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की अवैध गतिविधियों की सूचना तत्काल पुलिस को दें। यह सिर्फ कानून का सवाल नहीं, बल्कि सामाजिक नैतिकता और आनेवाली पीढ़ी के भविष्य का मामला है।

रायगढ़ पुलिस का यह साहसिक कदम प्रशंसनीय है, लेकिन लड़ाई अभी अधूरी है। सट्टा रैकेट की पूरी चेन को तोड़ना और उसके सरगनाओं तक पहुंचना ही न्याय की पूर्णता होगी।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)
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