अंधे कत्ल का पर्दाफाश : प्रेमिका की हत्या कर फांसी में टांगने वाला प्रेमी चढ़ा पुलिस के हत्थे, जशपुर पुलिस की प्रोफेशनल तफ्तीश का नतीजा..

जशपुर, 24 मई 2025। जिले के बगीचा के बटूंगा गांव में एक माह पूर्व पेड़ से लटकी युवती की लाश ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया था। आत्महत्या मानी जा रही इस रहस्यमयी मौत की परतें जब खुलीं, तो प्रेम, अस्वीकार और हत्या की रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्चाई सामने आई। इस अंधे कत्ल की गुत्थी को जशपुर पुलिस ने बारीकी से unravel करते हुए आरोपी प्रेमी प्रमोद राम को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की पेशेवर जांच, तकनीकी विश्लेषण और मनोवैज्ञानिक पूछताछ की बदौलत प्रेमिका की हत्या की यह कहानी सामने आई।
हत्या को आत्महत्या बनाने की कोशिश : दिनांक 5 अप्रैल को प्रतिमा बाई (25) के शव को गांव के जुल्फी टोंगरी जंगल में पेड़ से लटका पाया गया था। शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या माना गया और मेडिकल रिपोर्ट में भी इसे सुसाइडल करार दिया गया। लेकिन पुलिस की नजर फोटो में दिख रही मृतिका के पैरों पर मौजूद चोट के निशान पर पड़ी और यहीं से जांच ने करवट ली।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञों से दोबारा परीक्षण कराया, जिसमें डॉक्टर रवि किरण तिर्की और डॉ. सुनील खाखा ने स्पष्ट किया कि मृत्यु गला दबाने से हुई है – यानी यह एक सुनियोजित हत्या थी।
प्रेम अस्वीकार और क्रूरता की कहानी : जांच में सामने आया कि मृतिका का गांव के ही प्रमोद राम से प्रेम संबंध था। परिजनों ने जब प्रतिमा की शादी कहीं और तय की, तो प्रेमी प्रमोद आगबबूला हो गया। 5 अप्रैल को उसने प्रतिमा को जंगल में मिलने बुलाया, शराब के नशे में बहस हुई और जब प्रतिमा ने शादी से इनकार कर दिया, तो प्रमोद ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने शव को चुनरी से फंदा बनाकर पेड़ से टांग दिया ताकि मामला आत्महत्या लगे।
तकनीकी जांच और कबूलनामा : फोन कॉल डिटेल्स और तकनीकी सर्विलांस से पता चला कि घटना से ठीक पहले प्रतिमा की अंतिम बातचीत प्रमोद राम से ही हुई थी। जब पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की, तो प्रमोद टूट गया और हत्या की बात कबूल कर ली। उसने यह भी बताया कि हत्या के बाद प्रतिमा का मोबाइल जंगल में फेंक दिया और सिम कार्ड जला दिया।
पुलिस की टीम को सम्मान, लापरवाही पर कार्रवाई : हत्या की गुत्थी सुलझाने में थाना प्रभारी संत लाल आयाम, एएसआई उमेश प्रभाकर, आरक्षक मुकेश पांडे व उमेश भारद्वाज की अहम भूमिका रही। इस प्रोफेशनल जांच के लिए एसएसपी शशि मोहन सिंह ने थाना प्रभारी को नगद इनाम देने की घोषणा की है।
वहीं, मामले में गंभीर लापरवाही बरतने पर बगीचा के बीएमओ डॉ. सुनील लकड़ा और प्रारंभिक जांच करने वाले एएसआई अजीत लाल टोप्पो को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया है।
आरोपी जेल में, जांच जारी : प्रमोद राम को बीएनएस की धारा 103(1), 238(a) के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अभी भी प्रतिमा के मोबाइल और अन्य साक्ष्यों की तलाश में जुटी है।
एसएसपी शशि मोहन सिंह का बयान : “यह एक अंधा कत्ल था जिसे हमारी टीम ने सूझबूझ, तकनीकी विश्लेषण और प्रोफेशनल तरीके से सुलझाया है। मृतिका के परिवार को न्याय दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता थी, और हमने उसे पूरा किया है।”