बालोद में फिल्म निर्माण के संभावनाओं पर आकाशादित्य लामा का उत्साहवर्धक दौरा, तांदुला रिसॉर्ट को बताया फिल्मी स्थल का आदर्श उदाहरण
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के प्रसिद्ध पटकथा लेखक, फिल्म निर्माता और निर्देशक आकाशादित्य लामा ने हाल ही में बालोद जिले के तांदुला रिसॉर्ट का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने न केवल रिसॉर्ट की प्राकृतिक सुंदरता और उत्कृष्ट सुविधाओं की सराहना की, बल्कि यहां के दृश्यावली को फिल्म निर्माण के लिए भी उपयुक्त बताया। बोटिंग के दौरान आकाशादित्य लामा ने कहा, “यह जगह सिर्फ सैर-सपाटे के लिए ही नहीं, बल्कि फिल्म शूटिंग के लिए भी आदर्श स्थान बन सकती है।”
आकाशादित्य लामा का फिल्मी सफर
छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में पले-बढ़े आकाशादित्य लामा ने मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कई सुपरहिट टीवी सीरियल्स की पटकथाएं लिखी हैं, जिनमें कुसुम, कुमकुम, एक राधा एक श्याम, और चंदा मामा दूर के जैसे शोज शामिल हैं। इसके अलावा, सह-निर्देशक के तौर पर उन्होंने अनिल शर्मा, प्रियदर्शन, और सूरज बड़जात्या जैसे दिग्गज फिल्म निर्देशकों के साथ भी काम किया है।
‘बंगाल 1947’ – छत्तीसगढ़ में शूट हुई आकाशादित्य की फिल्म
आकाशादित्य लामा की लिखित और निर्देशित फिल्म बंगाल 1947 का फिल्मांकन छत्तीसगढ़ की खूबसूरत लोकेशनों जैसे कवर्धा, भोरमदेव, गंडई, खैरागढ़ और पखांजूर में किया गया। यह फिल्म एक प्रेम कहानी पर आधारित है, जिसमें स्थानीय कलाकार सुरभि श्रीवास्तव, डॉ. योगेंद्र चौबे, ओंकारदास मानिकपुरी और बाल कलाकार सहदेव ने शानदार अभिनय किया था।
बालोद में कला और फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं
तांदुला रिसॉर्ट के दौरे के दौरान आकाशादित्य लामा ने बालोद जिले में कला और फिल्म निर्माण की संभावनाओं पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता है, जो फिल्म निर्माण के लिए बेहतरीन विकल्प प्रदान करती है। उनका मानना है कि राज्य के इस कोने में एक फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना से युवा कलाकारों और फिल्म निर्माताओं को एक सशक्त मंच मिलेगा।
आकाशादित्य ने तांदुला रिसॉर्ट की प्रशंसा करते हुए कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि बालोद में इतनी खूबसूरत जगह हो सकती है। यह स्थान न केवल पर्यटन के लिए, बल्कि फिल्म शूटिंग के लिए भी एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण वातावरण फिल्म निर्माण के लिए आदर्श व उपयुक्त हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं हैं और यदि सही दिशा में काम किया जाए तो यहां फिल्म इंडस्ट्री को एक नई दिशा मिल सकती है।
फिल्म निर्माण के लिए उपयुक्त स्थल
तांदुला रिसॉर्ट में अपनी यात्रा के दौरान, आकाशादित्य लामा ने यहां के भव्य परिदृश्य, शांतिपूर्ण वातावरण और उत्कृष्ट सुविधाओं की सराहना की। इस रिसॉर्ट का अवलोकन करते हुए उन्होंने कहा, “यहां के दृश्य फिल्म निर्माण के लिए उपयुक्त हैं और मैं भविष्य में यहां शूटिंग के लिए विचार करूंगा।” इसके अलावा, आकाशादित्य लामा ने रिसॉर्ट के प्रबंधन को इस बात के लिए भी सराहा कि उन्होंने इस स्थान को पर्यटकों और फिल्म निर्माताओं के लिए एक आदर्श स्थल के रूप में तैयार किया है।
आकाशादित्य लामा का यह दौरा बालोद जिले और छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर को उजागर करता है। उनकी यह यात्रा इस क्षेत्र की फिल्म निर्माण और कला के क्षेत्र में वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। अगर छत्तीसगढ़ में फिल्मी उद्योग को एक मजबूत आधार मिल जाए, तो न केवल राज्य की संस्कृति को पहचान मिलेगी, बल्कि स्थानीय कलाकारों और फिल्म निर्माता को भी एक बड़ा मंच मिलेगा।
आकाशादित्य लामा का यह सुझाव कि यहां एक फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना होनी चाहिए, राज्य सरकार और फिल्म उद्योग के लिए एक सकारात्मक दिशा की ओर एक और कदम हो सकता है। बालोद और छत्तीसगढ़ के अन्य इलाकों में फिल्मी संभावनाओं को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इस राज्य में फिल्म निर्माण के लिए अनुकूल माहौल है और भविष्य में यहां की फिल्म इंडस्ट्री को एक नई पहचान मिल सकती है।