रायपुर : छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉर्पोरेशन: भ्रष्टाचार का अड्डा, कब रुकेगा लूट-खसोट का खेल??…
रायपुर : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के नाम पर बना छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का केंद्र बन चुका है। दवाइयों और उपकरणों की खरीदी में घोटालों ने इस संस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट और तीन आईएएस अधिकारियों की जांच कमेटी के बावजूद भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
भ्रष्टाचार के आरोप: क्या कहती है रिपोर्ट?
सीजीएमएससी पर दवाइयों और उपकरणों की खरीदी में अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। कई मामलों में आवश्यकता से अधिक दवाइयाँ खरीदी गईं, जबकि कुछ दवाइयाँ घटिया गुणवत्ता की थीं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिन कंपनियों पर जांच चल रही है, उन्हें भी करोड़ों के भुगतान की तैयारी की जा रही है। इसमें 9 एम इंडिया लिमिटेड का नाम प्रमुखता से सामने आया है।
सूत्रों के मुताबिक, इस कंपनी में सीजीएमएससी के एक अधिकारी और कुछ नौकरशाह भागीदार हैं। यही वजह है कि इन कंपनियों को बिना किसी देरी के भुगतान किया जा रहा है।
नौकरशाहों की मनमानी और सरकार की चुप्पी :
जानकारों का कहना है कि सीजीएमएससी में तैनात अफसरों ने करोड़ों की काली कमाई को प्रॉपर्टी, होटल व्यवसाय और विदेश यात्राओं में निवेश किया है। कई अधिकारियों ने बिना सरकारी अनुमति के विदेश यात्राएँ कीं। सरकार में बैठे जिम्मेदार लोग इन अनियमितताओं से भलीभांति परिचित हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल बातें हो रही हैं।
ईडी और सीबीआई जांच की माँग :
भ्रष्टाचार के इस खेल की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), ईडी और सीबीआई तक पहुँचने की खबर है। यदि इन एजेंसियों द्वारा जांच शुरू की जाती है, तो अरबों के घोटाले का खुलासा और कई बड़े नाम बेनकाब होने तय हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा असर :
इस लूट-खसोट का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। अस्पतालों में दवाओं और उपकरणों की कमी आम बात हो गई है। जबकि करोड़ों रुपये अनावश्यक खरीदी और भ्रष्टाचार में बहाए जा रहे हैं।
कब मिलेगी न्याय?
स्वास्थ्य मंत्री और सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। जनता उम्मीद कर रही है कि भ्रष्टाचार के इस खेल को जल्द रोका जाएगा। अब देखना यह है कि सरकार इस पर कब कार्रवाई करती है और सीजीएमएससी के लूट तंत्र को समाप्त करने में कितनी सफल होती है।
“आखिर कब तक प्रदेश की जनता को बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का दंश झेलना पड़ेगा? क्या कोई सरकार इस लूट को रोक पाएगी?”