अंबिकापुर: महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण हटाने के लिए वन विभाग का बड़ा कदम, 182 को नोटिस जारी…
अंबिकापुर : ज़िला के प्रसिद्ध महामाया पहाड़ पर बढ़ते अतिक्रमण को लेकर वन विभाग ने सख्त कदम उठाया है। विभाग ने 182 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर उन्हें 24 घंटे के भीतर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई वन क्षेत्र की पारिस्थितिकी और वन्यजीवों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए की गई है।
इतिहास की परतें : महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण की समस्या 2017 से चली आ रही है, जब वन विभाग ने 60 कब्जाधारियों को बेदखली का नोटिस जारी किया था। 2022 में, भारतीय जनता पार्टी के नेता आलोक दुबे ने इस मुद्दे को फिर से उठाया, और अधिकारियों ने जांच के बाद 468 अतिक्रमणकारियों की पहचान की थी। हालांकि, इस समय भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका था।
वन मंत्री का हस्तक्षेप : 15 जनवरी 2025 को वन मंत्री केदार कश्यप ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए वन विभाग को आदेश दिया कि अप्रैल तक 60 घरों को ध्वस्त कर दिया जाए। मंत्री के निर्देश के बाद वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 182 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया और उन्हें 24 घंटे में अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम दिया।
ग्रामीणों ने घेरा, स्थिति तनावपूर्ण : हालांकि, वन विभाग की टीम जब अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर पहुंची, तो ग्रामीणों ने उनका विरोध किया और उन्हें घेर लिया। स्थिति तनावपूर्ण हो गई, लेकिन विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि अतिक्रमण नहीं हटाया जाता, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा : महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण के कारण वन्यजीवों की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों को गंभीर खतरे का सामना था। वन विभाग की यह कार्रवाई क्षेत्र की पारिस्थितिकी को संरक्षित करने और वन्यजीवों के आवास को बचाने के लिए अहम साबित हो सकती है।
अंबिकापुर के पर्यावरण और वन्यजीवों के लिए यह समय महत्वपूर्ण है, और वन विभाग की सख्त कार्रवाई से इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। अब सभी की नजरें वन विभाग के अगले कदम पर हैं।