जिले की शराब भट्ठियों में अवैध वसूली से मचा हड़कंप
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले की शासकीय शराब दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए हालात चिंताजनक हो गए हैं। दिसंबर माह में एक अधिकृत कंपनी के जिला प्रतिनिधि और फील्ड ऑफिसर ने कर्मचारियों को डराकर अवैध वसूली शुरू कर दी है। यह स्थिति यह संकेत देती है कि क्या बालोद जिले के आबकारी अधिकारी भी इस अवैध गतिविधि में शामिल हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भी दल्ली राजहरा के एक वसूलीबाज गुंडे द्वारा पूरे बालोद जिले की शासकीय शराब दुकानों के कर्मचारियों को डरा धमकाकर अवैध वसूली चालू कर दी थी। लेकिन कर्मचारियों के विरोध और कुछ पत्रकारों के दखल के बाद इससे छुटकारा मिला था।
लेकिन कंपनी के जिला प्रतिनिधियों द्वारा कर्मचारियों को धमकाने और प्रताड़ित करने की घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले महीने, 14 कर्मचारियों को बिना किसी सूचना के नौकरी से निकाल दिया गया था, जिससे वे बेरोजगार हो गए और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
हाल ही में, दिसंबर के वेतन का भुगतान किया गया, जिसमें से जनवरी के प्रारंभ में अवैध वसूली की गई। कर्मचारियों को डराया जा रहा है कि यदि वे स्थानांतरण या नौकरी खोने से बचना चाहते हैं, तो उन्हें प्रति कर्मचारी 3 से 5 हजार रुपए की अवैध वसूली के रूप में देने होंगे।
इसके अलावा, नए डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर तथा फील्ड ऑफिसर द्वारा बिना अधिकारियों को सूचित किए, बालोद नगर के निकट बालोद वन विभाग स्थित पर्यावरण पार्क में एक गुप्त बैठक आयोजित की, जिसमें सुपरवाइजरों से कहा गया कि उन्हें अपने कर्मचारियों से ओवरटाइम के नाम पर राशि एकत्रित करनी होगी। इसके साथ ही, कर्मचारियों पर दबाव डाला जा रहा है कि वे अवैध कोचिए तथा अवैध शराब कारोबारियों को शासन द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक शराब बेचें, अन्यथा उन्हें नौकरी से निकालने या अन्य दूरस्थ स्थानों पर स्थानांतरित होने के लिए तैयार रहना होगा।
आपको बता दें कि इस प्रकार, अधिकतर शराब दुकानों के कर्मचारी कंपनी के इन नए डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर और फील्ड ऑफिसर की मांगों को मानने के लिए मजबूर हैं और शिकायत करने से हिचकिचा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और आबकारी विभाग इन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए किस तरह के उपाय करते है या इन्हें इनके हाल पर छोड़ देते है। वहीं कैप्शटन सर्विस लिमिटेड कंपनी के जिला संयोजक कुलदीप जायसवाल से इस संबंध में पूछने पर उन्होंने बताया कि इस तरह की कोई बात नहीं हुई है व मेरे द्वारा शासकीय शराब दुकान में कार्यरत कर्मचारियों से किसी प्रकार की अवैध वसूली नहीं की गई है। उक्त सारी बाते बे बुनियाद है।