चीन में कोरोना महामारी के बाद अब नए वायरस ने मचाई तबाही??…
चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के बढ़ते मामलों के कारण कोविड-19 जैसी स्थिति की आशंका जताई जा रही है। HMPV एक श्वसन वायरस है, जो विशेषकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में ऊपरी और निचले श्वसन पथ के संक्रमण का कारण बन सकता है।
HMPV के लक्षण : खांसी, बहती या भरी हुई नाक, बुखार, गले में खराश, गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई, ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
संक्रमण का प्रसार : HMPV संक्रमित व्यक्ति की खांसी, छींक, व्यक्तिगत संपर्क या संक्रमित सतहों को छूने से फैल सकता है।
सावधानियां : नियमित रूप से हाथ धोना, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकना, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना,बिना हाथ धोए मुंह, नाक या आंखों को न छूना।
भारत की स्थिति : भारत सरकार ने चीन में HMPV के प्रकोप के मद्देनजर सतर्कता बढ़ाई है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) देश में श्वसन संबंधी लक्षणों और मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों की निगरानी कर रहा है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल के अनुसार, दिसंबर 2024 के आंकड़ों में भारत में HMPV के मामलों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है, इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है।
चीन ने शुक्रवार को देश में वायरस के प्रकोप की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि इस साल सामने आ रही सांस संबंधी समस्याएं पिछले साल की तुलना में कम गंभीर हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन यात्रा के लिए सुरक्षित है। उन्होंने यह भी बताया कि चीनी सरकार ने स्वास्थ्य दिशा-निर्देश जारी किए हैं। चीन ने देश में फ्लू के बड़े प्रकोप की खबरों को खारिज किया और कहा कि इस तरह की खबरों से बचना चाहिए, जिसमें दावा किया जा रहा था कि चीन के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। चीन का कहना है कि हर साल सर्दी के मौसम में सांस संबंधी समस्याएं होती हैं, और इस साल सामने आए मामले पिछले साल की तुलना में कम गंभीर हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बताया कि उत्तरी गोलार्द्ध (चीन और आसपास के इलाकों) में सर्दियों के दौरान सांस संबंधी समस्याएं चरम पर होते हैं। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि चीन में यात्रा करना सुरक्षित है।