बालोद

छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय स्तर के सीसीआरटी प्रशिक्षण में बालोद जिले से प्रतिभा त्रिपाठी चयनित…

• प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के 15 शिक्षक प्रतिभागी हुए शामिल...

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। देश की राजधानी नई दिल्ली में सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) में कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम होते हैं। सीसीआरटी, शिक्षकों, छात्रों, और प्रशासकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। इन कार्यक्रमों का मकसद, शिक्षा में सांस्कृतिक समझ को शामिल करना होता है। सीसीआरटी प्रशिक्षण केंद्र, दिल्ली में आयोजित विद्यालय शिक्षा में हस्तकला कौशल का समावेश विषय पर आयोजित प्रशिक्षण में भारत से कुल सात राज्यों के 50 प्रतिभागी उपस्थित हुए। जिसमें छत्तीसगढ़ से सबसे ज्यादा संख्या में कुल 15 प्रतिभागी शामिल हुए। जो छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से थे। बालोद जिले से शामिल होकर छत्तीसगढ़ की संस्कृति और यहां के विभिन्न प्रकार के व्यंजन प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर को पूरे भारतवर्ष में संप्रेषित किया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यशाला में बालोद जिला से प्रतिभा त्रिपाठी, पुष्पा चौधरी, केशरीन बैग ने विद्यालय शिक्षा में हस्तकला को बढ़ावा देने के साथ-साथ पढ़ाई में किस प्रकार भारतीय संस्कृति को समाहित किया जा सकता है, जिससे छात्रों में संस्कार अपने पूर्वजों के धरोहर के प्रति सम्मान का भाव जागरूक हो सके और यह भी बताया गया कि किस तरह से आप अपने हस्तकला को अपने पढ़ाई से संबंधित कर सकते हैं।

बालोद जिले के शासकीय पूर्व मा शाला गोडेला में कार्यरत शिक्षक श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी ने बताया कि उक्त प्रशिक्षण में हमें हस्तकला जैसे कि मेक्रम बुक बाइंडिंग, मिट्टी के खिलौने बनाना, वॉल पेंटिंग बीड वर्क वर्ली पेंटिंग जैसे विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। साथ ही सुभाष बहुगुणा जो महान संगीतकार कैलाश खेर जिनके शागिर्द है, उन्होंने विभिन्न भाषाओं के गीत भी सिखाए है। जिनको स्कूलों में भी सिखाया जाएगा। जैसे की कश्मीरी, तेलुगु, बंगाली हिंदी गीत के बोल थे। हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं, इसे बहुत ही सुरताल के साथ हम सभी शिक्षकों को सिखाया गया। जिसे हम अपनी शाला में हमेशा अपने बच्चों को सिखा सके।

प्रशिक्षण में दिल्ली के कुतुब मीनार व अंतर्राष्ट्रीय हैंडीक्राफ्ट्स म्यूजियम का भ्रमण भी कराया गया। जिसके अंतर्गत हम सभी ने कुतुब मीनार का भ्रमण किया। व नेशनल म्यूजियम में जाकर विभिन्न प्रकार की हस्त कलाओं को जाने व सभी राज्यों के द्वारा अपने द्वारा सीखे गए क्राफ्ट का एग्जीबिशन भी लगाया गया। जिसमें प्रतिभा त्रिपाठी के द्वारा भी पाठ योजना पर अपनी एग्जीबिशन का प्रदर्शन किया गया। साथ ही प्रतिभा त्रिपाठी के द्वारा अपनी स्वरचित रचना प्रतिभा सुमन को सीसीआरटी के अध्यक्ष डॉक्टर विनोद नारायण इंदुरकर को सप्रेम भेंट की गई। साथ ही छत्तीसगढ़ के बांस से बनी बैच को भी उन्हें लगाकर उनका सम्मान किया गया।

सीसीआरटी के डायरेक्टर आशुतोष व उपनिदेशक संदीप शर्मा व कार्यशाला प्रभारी देवनारायण रजक अपने छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षकों के कार्य की सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ मिलकर हम जरूर सीसीआरटी के लिए कार्य करेंगे। छत्तीसगढ़ टीम के द्वारा यह आश्वस्त किया गया कि 100 प्रतिशत स्कूल में बच्चों को यह सब सिखाया जाएगा। जिसे संस्कार युक्त व्यक्तित्व का निर्माण कर सके। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बच्चों को शिक्षा में व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ते हुए बच्चों के समग्र विकास में हम सब अपना 100 प्रतिशत योगदान देंगें।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग

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