बालोद

पुलिसिया दहशत में नौजवान की दर्दनाक मौत…

त्यौहार पर मनोरंजन कर रहे युवकों को पेशेवर जुआरी (मुजरिम) की तरह दौड़ाया

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के गुरूर विकासखण्ड में चल रहे दिन–दहाड़े जुआ सट्टा का खेल एवं ढाबों में अवैध शराब बिक्री की लगातार शिकायत के बावजूद हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने वाले गुरूर थाने की टीम अचानक रॉबिन-हुड का तमगा लेने दिपावली की रात जुआ पकड़ने निकल पड़ते है। वहीं गांव में त्यौहार के अवसर पर मनोरंजन कर रहे युवकों को पेशेवर जुआरी (मुजरिम) की तरह दौड़ा दौड़ाकर एक युवक को मौत के घाट उतार देते है। बता दे कि गुरुर पुलिस की इस कार्यवाही में एक ग्रामीण 23 वर्षीय युवक की अंधेरे में भागते हुए कुएं में गिरने से मौत हो जाती है।

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार गुरूर थाना क्षेत्र के ग्राम टेंगना/बरपारा में गुरूर पुलिस के जवानों के द्वारा दिपावली की रात मनोरंजन कर रहे युवकों को दौड़ाने के दौरान एक युवक की कुएं में गिरने से मौत हो गई। मृतक की पहचान मोरध्वज ठाकुर पिता कृष्णा ठाकुर उम्र लगभग 23 वर्ष के रूप में हुई है।

ग्रामीणों ने बताया कि परंपरा अनुसार दिपावली की रात लोगों के द्वारा रतजगा कर गौरा गौरी पूजन का कार्यक्रम किया जाता है तथा परंपरा (रूढ़ीवादी) अनुसार इस दिन प्रतीकात्मक रूप से जुआ खेलने का भी विधान होना बताया गया है। इसी परंपरा के अनुसार कुछ ग्रामीण युवक दिपावली की रात मनोरंजन करने बावनपत्ती का खेल खेल रहे थे, कि गुरूर पुलिस की पेट्रोलिंग टीम जो जरूरत पड़ने पर कभी भी सही समय में उपलब्ध नहीं होती है जो कि अचानक ग्राम टेंगना/बरपारा पहुंचकर मनोरंजन कर रहे युवकों को दौड़ाने लगती है और इसी भागम भाग के चक्कर में भरे दिपावली में उस युवक की कुएं में गिरने से मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद गुरूर पुलिस की गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

वहीं मामले को लेकर गुरुर थाना प्रभारी टीएस पट्टावी ने सफाई देते हुए कहा कि “बीती रात पेट्रोलिंग टीम गांव में गश्त कर रही थी, इसी दौरान टेंगना बरपारा गांव में कुछ लोग जुआ खेल रहे थे। जैसे ही पेट्रोलिंग वाहन की सायरन की आवाज जुआ खेलने वालों तक पहुंची, लोग भागने लगे, जिसमें मोरध्वज कुएं में गिर गया और उसकी मौत हो गई।”

अब सोचने वाली बात है कि अवैध शराब बिक्री करने वाले रॉबिन ढाबा के गुर्गों के द्वारा प्रतिष्ठित पत्रकार विनोद नेताम के साथ मारपीट की जाती है, पत्रकार के द्वारा गुंडागर्दी करने वाले रॉबिन ढाबा के गुंडों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने रात भर थाना के सामने धरना देना पड़ता है फिर भी गुरूर पुलिस के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। लेकिन दिपावली की रात बिना कोई सूचना के अचानक अति संवेदनशील होकर गश्त करते हुए ग्राम टेंगना बरपारा पहुंचकर मनोरंजन कर रहे युवकों को जुआरी बताकर दौड़ाने लगते है जिसके बाद भी कहने के लिए पराक्रमी गुरुर पुलिस को उस गांव में एक भी जुआरी हाथ नहीं लगता। बल्कि गुरुर पुलिस के कथित पराक्रम के चलते गांव के ही एक नौजवान को अपने जिंदगी से हाथ धोना पड़ जाता है।

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