रायपुर

रायपुर : एम्स के डॉक्टर की मनमानी आई सामने , सर्जरी के बाद मरीज ने डॉक्टर पर लगाया थप्पड़ मारने का आरोप ; क्या एम्स में मरीज को प्रबंधन से मिलेगा न्याय?…..

◆ एम्स में सर्जरी के बाद मरीज ने डॉक्टर पर लगाया थप्पड़ मारने का आरोप!एम्स की शिकायत पहले भी कई बार सामने आ चुकी है।आम जनता को सही स्वास्थ्य व्यवस्था मिल सके इस भावना से ही भारत सरकार ने रायपुर में एम्स की शुरुआत की है।पर कुछ डॉक्टरों व स्टाफ की मनमानी से एम्स जैसे संस्थान का नाम खराब हो रहा है।

रायपुर। देशभर में प्रतिष्ठित एम्स में मरीज ने सर्जरी के बाद सिरदर्द की शिकायत करने के दौरान डॉक्टर पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है। एम्स के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में भर्ती बिलासपुर के मरीज तिलक खुरसैल ने विभाग के डॉ. जलज पर थप्पड़ मारने व बीच- बचाव करने आई पत्नी को धक्का मारने का आरोप लगाया है। उसने मामले की शिकायत थाने में करने के लिए मोबाइल फोन निकालने पर उसे छीनने का आरोप भी लगाया है। हालांकि एम्स प्रबंधन ने थप्पड़ मारने का आरोप निराधार बताया है। वीडियो में डॉक्टरों पर लगा आरोप सही भी नजर लगता है। कोई मरीज किसी भी डॉक्टर पर झूठा आरोप क्यो लगाएगा।यह भी सोचने की बात है।शिकायत के बाद मरीज के साथ ही उसके परिजनों को स्टाफ के द्वारा डराया भी जा रहा है।

एम्स की बदहाल व्यवस्था फिर आई सामने यह है मामला: बिलासपुर के तिलक का अप्रैल में एक्सीडेंट होने बाद दाएं हाथ की नस डैमेज हो गई थी।बुधवार को उसकी डैमेज नस की तीसरी सर्जरी की गई और शाम 6 बजे ओटी से लाकर प्लास्टिक सर्जरी वार्ड में लाया गया। सर्जरी के बाद को मरीज सिर में असहनीय दर्द होने लगा। इससे मरीज परेशान होकर यह बार-बार बिस्तर से उठने की कोशिश कर रहा था और पत्नी से शिकायत करता रहा। मरीज के अनुसार रात 11 से साढ़े 11 बजे के करीब डॉ. जलज वार्ड में पहुंचे तो क्यों मरीज ने डॉक्टर से कहा कि उन्हें लगता है कि उनके साथ मारपीट की गई है, बाल तो नहीं नोचे गए? इतना सुनते ही डॉक्टर ने कहा-तो क्या हमने मारपीट की है, ऐसा कहते हुए दो थप्पड़ जड़ दिए। मरीज का कहना है कि वह सन्न रह गया और पत्नी के बीच-बचाव करने पर उसे भी धक्का मार दिया गया। उल्टे एम्स का पूरा स्टाफ भी डॉक्टर के पक्ष में है।

मरीज को मारा नहीं, समझाने की कोशिश की ; डॉक्टर ने पल्ला झाड़ते हुए कहा..किसी ने मरीज को नहीं मारा, डॉक्टर भला क्यों मारेगा? मरीज की डैमेज नस का ऑपरेशन किया गया, इसलिए दर्द के कारण वह बार-बार बिस्तर से उठकर जाने की कोशिश और अनर्गल आरोप लगा रहा था, जिसे स्टाफ व डॉक्टर ने रोकने-समझाने की कोशिश की। मरीज स्टाफ व अन्य अटेंडेंट के साथ भी बदतमीजी कर रहा था। मरीज की ताजे ऑपरेशन के बाद कोई नुकसान न हों।इसलिए उसे रोका जा रहा था। कुल मिलाकर मरीज के वायरल वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि एम्स के डॉक्टर और स्टाफ अपनी मनमानी करने पर उतारू है।

इस मामले को लेकर मीडिया ने एम्स के डायरेक्टर जिंदल से सम्पर्क करने का प्रयास भी किया पर उनसे बातचीत नही हो सकी। हमने मरीज की शिकायत की कॉपी और वीडियो को व्हाट्सएप भी किया, पर साहब काफी व्यस्त थे न कॉल अटेंड किये न ही कोई जवाब दिए।मरीज के साथ कल कोई भी अनहोनी अगर होती है तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा।ऐसे बहुत से सवाल है। इस मामले में एम्स प्रबंधन को तत्काल मदमस्त डॉक्टर व स्टाफ पर कार्यवाही करने की जरूरत है।पर क्या इस मामले में प्रबंधन पीड़ित पक्ष को न्याय देने के लिए आरोपित लोगो पर कार्यवाही करेगा यह देखना बाकी है।

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