बालोद

आत्महत्या : ना नौकरी मिली और ना ही पैसा वापिस मिला

आदिवासी समाज के लोगो ने डौंडी थाने पहुंचकर की मांग

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद/डौंडी। नौकरी लगाने के नाम से करोड़ो रुपए की ठगी करने वाले पर डौंडी पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के कारण आदिवासी समाज के हजारों लोग थाना पंहूच कर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। बता दें कि गुप्त सूत्र ने बताया कि पीड़ित के द्वारा पहले से ही कई मर्तबा डौंडी थाने पहुंचकर बार बार शिकायत की जा रही थी लेकिन डौंडी थाना प्रभारी द्वारा टालमटोल किया जा रहा था। क्या कारण है कि डौंडी थाना प्रभारी मुकेश सिंह द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज करने ढिलाई बरती जाती है। आखिर क्या मकसद रहता है कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा शिकायतकर्ता को बार बार घुमाया जाता है। पहले भी कई पुलिस थानों ने देर से रिपोर्ट दर्ज करने के कई मामले है। लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा भी ऐसे थाना प्रभारी को बार बार ढील दी जाती है। डौंडी ब्लॉक के कई आदिवासी लोगो ने पुलिस महानिरीक्षक से अपील की है कि इन्हे डौंडी थाने से तत्काल प्रभाव से हटाकर महामाया थाने की जिम्मेदारी दी जाए। जिससे उनका ध्यान नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने की कोशिश में रहे।

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में ही आदिवासियों के साथ अत्याचार और फिर पुलिस विभाग द्वारा हिला हवाली कर मामले को दबाने का प्रयास किया जाता है जिससे असली आरोपी साफ बच निकलते है वही एक आदिवासी प्रधान पाठक को अपनी जान से हाथ धो बैठना पड़ता है। अगर समय रहते ही डौंडी थाना प्रभारी मुकेश सिंह द्वारा समुचित कदम उठा लिया जाता तो एक प्रधान पाठक की जान बच जाती। वही इलाके में चर्चा का विषय ये भी है कि प्रधान पाठक ने आत्महत्या नही की है, बल्कि उन्हें जबरन आत्महत्या के लिए मजबूरन उकसाया गया है।

आपको बता दें कि करोड़ों की ठगी के मामले को भी डौंडी थाना प्रभारी द्वारा संजीदगी से नही लिया गया। जिसके बाद दबाव व भय में डौंडी ब्लॉक के ग्राम घोटिया निवासी प्रधान पाठक देवेंद्र कुमार कुमेटी के द्वारा आत्महत्या कर ली गई। अब ये आत्महत्या है या हत्या ये तो सही तरीके से जांच में ही पता चलेगा। वही डौंडी व बालोद जिला पुलिस हवा में ही लाठियां भंजा रही है।

बता दे कि आदिवासी समाज ने बताया है कि ओडगांव स्कूल के प्रधान पाठक देवेंद्र कुमार कुमेटी के द्वारा आत्महत्या की जानकारी मिली। पुलिस को आत्महत्या के बाद से मिले सुसाइड नोट में जो बाते सामने आ रही है उससे यही पता चलता है कि डौंडी पुलिस द्वारा गंभीर मामले में जानबूझकर ढिलाई बरती गई। इलाके में चर्चा भी है कि डौंडी थाना प्रभारी मुकेश सिंह का एक विशेष राजनीतिक दल के प्रति नजदीकी लगाव भी रहा है। बता दे कि ये जब राजहरा थाना प्रभारी थे तब विधानसभा चुनाव के दरमियान आदर्श आचार संहिता लागू होने की अवधि में ही इनके द्वारा कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह की खुले मंच से नुमाइश की जा रही थी। लेकिन छत्तीसगढ़ चुनाव आयोग द्वारा कोई कड़ा फैसला ना लिया जाकर इनकी पीठ थपथपाई गई। ऐसा बिल्कुल भी नही है कि इनको चुनाव आयोग से चुनाव के संबंध में किसी प्रकार की ट्रेनिंग नही दी गई है। ये कई बार चुनाव आयोग से नियमित ट्रेनिंग भी ले चुके है फिर भी जानबूझकर ऐसी लापरवाही वह भी आदर्श आचार संहिता लागू होने की अवधि में ही। थोड़ा अटपटा लगता है। ध्यान भटकना, भूल जाना या सत्ताधारी पार्टी द्वारा दबाव पूर्वक ऐसा किया जाना ये हमारे समझ से परे है जो लोगो में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों के हवाले से एक बड़ी अजीब बात सामने आ रही है कि साहब का कांग्रेस के प्रति लगाव ज्यादा है वही इनके भाजपा के गुंडा प्रवित्ती के लोगो से नजदीकी संबंध भी है। वही इनके खिलाफ अखबारों में सच्चाई छापने वाले पत्रकार को ये शहर के बस स्टैण्ड में दिन दहाड़े भाड़े के गुंडे भेजकर पिटवा भी देते है। वही पीड़ित थाने भी आए तो रिपोर्ट दर्ज तक नही की जाती। रिपोर्ट दर्ज तो नही की गई लेकिन पुलिस के खुफिया एजेंसी में ये रिकार्ड सुरक्षित मौजूद है।

आपको बता दें कि मिली जानकारी अनुसार डौंडी ब्लॉक के घोटिया में प्रधान पाठक देवेंद्र कुमार कुमेटी के आत्महत्या में मिले सुसाइड नोट को सार्वजनिक किया है। स्कूल के प्रधानपाठक देवेंद्र कुमार कुमेटी ने सुसाइड नोट में कांग्रेस शासन काल के पूर्व वनमंत्री मोहमद अकबर, सलीम खान, हिरेन्द्र नेताम तथा प्रदीप ठाकुर पर नौकरी के नाम पर पैसा लेने का आरोप लगाया है।

साल 2022 में अपने रिश्तेदारों से प्रधानपाठक ने नौकरी दिलाने के नाम से रुपए मांगे थे। वही 14 अगस्त को रिश्तेदारों ने नौकरी लगाने के नाम से धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज करवाई थी। वही रुपए को 25 अगस्त को लौटाने का समय दिया गया था। शिकायत ने लिखा गया है कि वन रक्षक भर्ती में नौकरी दिलाने रकम ली गई थी। पीड़ित लोगो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार लगभग 70 लोगो द्वारा हरेश नेताम व देवेंद्र कुमेटी के द्वारा लगभग एक करोड़ से ज्यादा की रकम दे दी गई थी। वही पैसों की वापसी के लिए उन्हें पुलिस की शरण में आना पड़ा। पीड़ित ग्रामीण आदिवासियों ने हमे बताया कि हमारे खून पसीने की कमाई को वापिस दिलवाकर ठगी करने वाले लोगो और मिली भगत करने वाले पुलिस अधिकारियों पर नियमतः कार्यवाही कर हमे न्याय दिलवाएं। वही डौंडी पुलिस द्वारा पीड़ितो के बयान के आधार पर कार्यवाही करने की बात कही है।

बता दें कि इस मामले में मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट में पूर्व वन मंत्री तथा कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर के नाम के साथ ही जिन तीन लोगो के नाम सामने आ रहे है उनमें गरियाबंद निवासी मदार खान, बीएसपी में कार्यरत हरेंद्र नेताम है। पूर्व में हरेंद्र नेताम और उसकी पत्नी के विरुद्ध पुरूर थाने में अपहरण का अपराध पंजीबद्ध है। वही मदार खान के विरुद्ध वर्ष 2019 में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर भी पुलिस में करीब 20 लाख की ठगी का मामला भी दर्ज है। जिसमे वो जेल भी जा चुका है। उस पर अभनपुर सहित रायपुर के कई थानों ने अपराध भी पंजीबद्ध हो चुके है। आपको बता दें कि इसी ठगी के मामले में अभी कई और नाम उजागर होने की सम्भावना है। घटनास्थल से मिले सुसाइड नोट में देवेंद्र कुमार कुमेटी ने अपनी मौत के लिए चार व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट में नौकरी के नाम पर ठगी की गई राशि का भी उल्लेख किया गया है। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, तो यह साबित हो सकेगा कि यह आत्महत्या का मामला है जबरन आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला है, जिसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हो सकते हैं।

“बालोद एसपी से मांग की जाती है कि सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले विधर्मियो पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए अन्यथा विश्व हिंदू परिषद, बालोद जल्द ही जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन करेगी।”

– अजय अग्रवाल, जिला उपाध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद, बालोद

“इस मामले में पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर का नाम सामने आने पर पूर्व की कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के चेहरे को खुलकर उजागर करता है। ठगी के शिकार पीड़ितो को जल्द से जल्द न्याय दिलाया जाए।”

– देवलाल ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

पूरे मामले में जांच चल रही है और जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा। प्रथम दृष्ट्या आत्महत्या होना पाया गया. सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। मर्ग कायम कर मामले को जांच में रखा गया है।”

– सुरजन राम भगत, एसपी, बालोद

“घटनास्थल से मिले सुसाइड नोट में पूर्व वनमंत्री मोहम्मद अकबर, हरेंद्र नेताम, मदार खान और प्रदीप ठाकुर के नाम का जिक्र है।”

– अशोक कुमार जोशी, एडिशनल एसपी, बालोद

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