सारंगढ़ : जीएसटी विभाग की छापामार कार्यवाही से जीएसटी चोरों में हड़कंप…
सारंगढ़-बिलाईगढ़। सारंगढ़ में पहली बार हुई जीएसटी विभाग की छापेमार कार्रवाई ने शहर के व्यापारी वर्ग में हलचल मचा दी है। इस कार्रवाई ने न केवल व्यापारियों को चौंका दिया, बल्कि आम नागरिकों और बुद्धिजीवियों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया। शहर में पिछले कुछ समय से यह बात आम थी कि कुछ व्यापारी खुलेआम जीएसटी चोरी कर रहे थे, जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही थी। हालांकि, इस तरह की चर्चा अक्सर अफवाहों के रूप में सुनी जाती है, लेकिन इस बार जीएसटी विभाग ने अचानक कार्रवाई कर इन चर्चाओं को हकीकत में बदल दिया।
सारंगढ़, जो एक छोटा लेकिन व्यापारिक गतिविधियों से समृद्ध शहर है, यहाँ कई प्रकार के व्यापार और उद्योग फलफूल रहे हैं। यहां के व्यापारी, विशेष रूप से छड़ और सीमेंट जैसी वस्तुओं का व्यापार करने वाले, लंबे समय से जीएसटी कानून का पालन नहीं कर रहे थे। कई व्यापारियों पर आरोप था कि वे अपने लेनदेन को सही तरीके से दर्ज नहीं कर रहे थे और जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में हेराफेरी कर रहे थे। इसके परिणामस्वरूप सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था।
व्यापारियों के इस व्यवहार से असंतोष केवल सरकारी अधिकारियों के बीच ही नहीं, बल्कि आम जनता और अन्य व्यापारियों के बीच भी देखा जा रहा था। कई बुद्धिजीवियों ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की थी और सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की थी। लेकिन बावजूद इसके, जीएसटी विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी, जिससे व्यापारियों का हौसला बढ़ता चला गया।
हालांकि, यह चुप्पी ज्यादा समय तक नहीं रही। जीएसटी विभाग ने अचानक से शहर में छापेमारी का फैसला लिया। इस छापेमारी के लिए विभाग ने कई टीमों का गठन किया और एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया। छापेमारी की प्रक्रिया बेहद गोपनीय रखी गई थी ताकि व्यापारियों को कोई पूर्व सूचना न मिले और वे किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ों को नष्ट या छुपाने का प्रयास न कर सकें।
छापेमार टीमों ने सबसे पहले उन व्यापारियों को निशाना बनाया जिन पर पहले से ही जीएसटी चोरी के आरोप थे। इनमें मुख्य रूप से छड़ और सीमेंट की दुकानों का समावेश था। ये वो व्यापारी थे जो भारी मात्रा में व्यापार कर रहे थे, लेकिन जीएसटी के रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी करके कम टैक्स जमा कर रहे थे। कार्रवाई के दौरान विभाग के अधिकारियों ने व्यापारियों के सभी कागजात, रजिस्टर और कम्प्यूटर सिस्टम को जब्त कर लिया ताकि जांच में किसी भी प्रकार की कमी न रहे।
शहर के बुद्धिजीवियों ने इस छापेमार कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम व्यापारिक समुदाय में अनुशासन और ईमानदारी को बढ़ावा देगा। कुछ ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने समय रहते ऐसा कदम उठाया होता, तो आज इस हद तक जीएसटी चोरी की समस्या उत्पन्न नहीं होती। कई नागरिकों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी प्रतिक्रियाएं दीं, जहां उन्होंने जीएसटी विभाग की तारीफ की और उम्मीद जताई कि इस कार्रवाई से शहर में व्यापारिक नैतिकता में सुधार आएगा।
छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने कई गंभीर अनियमितताओं का पता लगाया है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि इस जीएसटी चोरी का आंकड़ा बहुत बड़ा हो सकता है। हालांकि, अभी तक जीएसटी चोरी की सही राशि का खुलासा नहीं हो पाया है। जीएसटी विभाग की टीम अभी भी जब्त किए गए दस्तावेज़ों और रिकॉर्ड्स की जांच में जुटी है। जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में कितनी जीएसटी चोरी हुई है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसका पता चल पाएगा
इसके अलावा, इस कार्रवाई ने शहर के अन्य व्यापारियों को भी सतर्क कर दिया है। कई व्यापारी अब अपने कागजातों को सही तरीके से रखने और जीएसटी नियमों का पालन करने के लिए तत्पर हो गए हैं। कुछ व्यापारियों ने तो अपने अकाउंटेंट्स और सीए से संपर्क कर अपने लेनदेन को सुधारने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। जीएसटी विभाग की इस कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि अब सरकार जीएसटी चोरी जैसे मामलों में किसी भी प्रकार की कोताही बरतने के मूड में नहीं है।
इस घटना ने सारंगढ़ में व्यापारिक गतिविधियों पर गहरा असर डाला है। जहां एक ओर व्यापारियों के बीच भय का माहौल है, वहीं दूसरी ओर ईमानदार व्यापारी इस कार्रवाई से संतुष्ट हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में पारदर्शिता आएगी और सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
इसके अलावा, यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस कार्रवाई के बाद सारंगढ़ में सरकारी अधिकारियों और व्यापारियों के बीच बेहतर तालमेल बनेगा। सरकार अब व्यापारियों पर नजर रखने के लिए और भी सख्त कदम उठा सकती है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
सारंगढ़ में जीएसटी विभाग की यह छापेमार कार्रवाई एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। इससे न केवल जीएसटी चोरी का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि अन्य व्यापारियों को भी सख्त संदेश गया है कि वे अपने व्यापारिक लेन-देन में ईमानदारी बरतें। जीएसटी चोरी को रोकने के लिए सरकार की इस तरह की कार्रवाईयों की बहुत जरूरत है, जिससे न केवल सरकारी राजस्व की रक्षा हो, बल्कि व्यापारिक नैतिकता भी बनी रहे। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि इस छापेमारी में कितनी जीएसटी चोरी का खुलासा होता है और इसके बाद क्या कदम उठाए जाते हैं।