लैलूंगा : विधायक विद्यावती सिदार के खिलाफ फूटा ग्रामीणो का आक्रोश, सड़क पर धान रोपाई कर प्रकट की अपनी नाराजगी…
रायगढ़। रायगढ़ जिले के विकासखण्ड लैलूंगा के ग्राम पंचायत गहनाझरिया के आश्रित मोहल्ला सूकवास में सड़क जैसे सुविधाओं के लिए ग्रामीण हतास हो चूकें है। बारिश के दिनों में ग्रामीणों को आवगमन करने भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ग्रामीण आखिर थक हार आज किचड़ से लबा लब सड़क पर सरपंच सचिव के खिलाफ आक्रोश जताते हुए धान रोपा गया है जिसमे भारी संख्या में महिलाओं सहित पुरुष ने सरपंच सचिव को लेकर काफी ज्यादा नाराज नजर आए ग्रामीणों का कहना है की उन्हें केवल आश्वासन के नाम पर ठगा गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार इन जनप्रतिनिधियों से सड़क बनाने की गुहार लगाई, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष ठंडा राम बेहरा ने चुनाव के दौरान सड़क निर्माण का वादा किया लेकिन आज तक इस वादे को पूरा तक नहीं करवा सके।
ग्रामीणों ने आरोप है कि विधायक विद्यावती सिदार ने चुनाव के बाद इस गांव की ओर ध्यान नहीं दिया और चुनाव में सिर्फ उन्हें ठगने का काम किया। अब, लैलूंगा विधानसभा के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सड़क की खराब स्थिति के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों की ड्रेस खराब हो जाती है और वे कक्षा में ठीक से बैठ भी नहीं पाते हैं। ग्राम पंचायत गहनाझरिया लैलूंगा मुख्यालय के सबसे बड़े पंचायतों में से एक है और इसकी दूरी लगभग 10-15 किलोमीटर है। आश्रित गांव सुकवास में लगभग 1100 की आबादी है और 800 के करीब वोटर हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच यशोमति पैकरा 300 रुपये टैक्स जमा नहीं करने के कारण राशन कार्ड पर हस्ताक्षर नहीं कर रही हैं, जिससे नए राशन कार्ड लाभार्थियों को नहीं मिल पाए हैं। इस स्थिति के खिलाफ ग्रामीणों ने उप सरपंच और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया।
ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच सचिव की अनदेखी के चलते उन्हें राशनकार्ड भी नहीं मिला। सरपंच का कहना है कि वह सड़क और अन्य कार्यों के लिए कोई कदम नहीं उठाएंगे और राशन कार्ड पर हस्ताक्षर भी नहीं करेंगे। सुकवास में सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है और इसे लेकर ग्रामीण लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। पिछले 15 वर्षों से पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ है और बारिश के दिनों में आवागमन की कठिनाइयां बढ़ जाती हैं। कई सरपंचों के कार्यकाल के बावजूद इस क्षेत्र में विकास की कोई ठोस पहल नहीं की गई है।