जशपुर : मुख्यमंत्री के गृह जिले में कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशों के साथ-साथ, उच्च न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखाता पूरा सिस्टम…जाने क्या है पूरा मामला…
जशपूर। जिले के कलेक्टर महोदय के द्वारा दिये गए आदेशो-निर्देशो को सिस्टम मानने को तैयार ही नही है। ऐसा ही एक मामला आज सामने आया है जहाँ कलेक्टर महोदय द्वारा आदेश तो जारी कर दिया गया, उसका फ़ॉलोअप लेना शायद उन्होंने सही नहीं समझा। जिसकी वजह ये है कि आज उच्च न्यायालय के आदेशों को मटियामेट करना चरितार्थ हो रहा है।
जाने क्या था पूरा मामला : माननीय कलेक्टर महोदय द्वारा 8/12/2023 को माननीय उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक WPPIL NO. 88/2023 में पारित आदेश दिनांक 20.11.2023 के अनुपालन के संबंध में कार्यालयीन आदेश क्रमांक 992/स्टेनी/कले./2023 जशपुर, दिनांक 28.11.2023 के तहत् अस्पताल, शिक्षण संस्थाएं एवं उनके छात्रावास, सिविल एवं राजस्व न्यायालय, के 100 मीटर की परिधि को शांत परिक्षेत्र (SILENCE ZONE) घोषित किया गया है।
(SILENCE ZONE) घोषित स्थानों में शांत परिक्षेत्र का बोर्ड तत्काल लगवाकर फोटोग्राफ एवं प्रमाण पत्र इस कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने संबंधित आदेश जारी किया गया, पर आज माजरा कुछ यूं है कि आदेश-निर्देशो के छः माह पश्चात भी किसी प्रकार की कार्यवाही नजर नहीं आ रही है ।
इसी तारतम्य में 13/12/2023 को जिला शिक्षा अधिकारी जशपूर द्वारा भी समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर माननीय उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक WPPIL NO. 88/2023 में पारित आदेश दिनांक 20.11.2023 एवं कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, जशपुर छ.ग. के आदेश क्रमांक/992/स्टेनो/कले. /2023 जशपुर दिनांक 28.11.2023 के तहत् अस्पताल, शिक्षण संस्थाएं एवं छात्रावास, सिविल एवं राजस्व न्यायालय के 100 मीटर की परिधि को शांत परिक्षेत्र (SILENCE ZONE) घोषित करने का हवाला देते हुए आदेश जारी किया गया।
आदेश जारी होने के 6 महीने पश्चात भी आज तक किसी भी प्रकार के कार्यो का मौके पर पुस्टि न हो पाना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है , साथ ही मामले में संलिप्त समस्त अधिकारियों की कार्यशैली पर भी बड़ा प्रश्न चिन्ह लगना लाजमी है।