सूरजपुर : चालान के 17 लाख की हेराफेरी मामले में आरक्षक गिरफ्तार…
सूरजपुर। पुलिस ने अपने ही विभाग के एक आरक्षक को गिरफ्तार किया है जो बीते आठ सालों से अपने ही विभाग को चूना लगा रहा था।
दरअसल जयनगर थाने में पदस्थ आरक्षक दीपक सिंह की ड्यूटी यातायात के तहत वसूल किये गए राशि को ट्रेजरी के सरकारी खाते में जमा करने की थी लेकिन आरोपी आरक्षक ने इस कदर अपना शातिर दिमाग दौड़ाया की उसने बैंक की फर्जी सील और रशीद बनाकर अपने ही विभाग को 17 लाख 50 हजार रुपये का चूना लगा दिया। बताया जा रहा है कि जयनगर थाने में वर्ष 2016 से 2022 के बीच मोटर व्हीकल एक्ट में की गई कार्यवाही के दौरान वसूली गई सम्मन शुल्क की राशि का आरक्षक दीपक सिंह द्वारा गबन का मामला 8 वर्ष बाद उजागर होना विभागीय लापरवाही को भी दर्शाता है। सवाल यह है कि क्या विभाग द्वारा हर साल ऑडिट नहीं कराया जाता।
वर्ष 2016 का मामला अब ऑडिट में पकड़ा गया है, यदि सालाना ऑडिट कराया गया होता तो इतनी बड़ी राशि का गोलमाल नही हो पाता और समय रहते गड़बड़ी पकड़ी जाती। गड़बड़ी उजागर होने के बाद यह बात भी सामने आ रही है कि कहीं आरक्षक दीपक सिंह द्वारा अन्य थानों में भी पदस्थापना के दौरान गड़बड़ी तो नहीं की गई है। अब सभी थाना द्वारा जमा की गई राशि की पड़ताल एसएसपी ने किए जाने के निर्देश दिए हैं।
बरहाल पुलिस ने आरोपी आरक्षक के विरुद्ध 420 सहित कई धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए आरोपी आरक्षक को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दूसरी ओर धोखाधड़ी के इस मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कई सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। विगत 8 वर्षों से जारी सरकारी पैसों के गबन के खेल को पुलिस अब तक कैसे नहीं पकड़ पाई जबकि विभाग की ऑडिट हर वर्ष होता है। मामला चाहे जो हो अब देखने वाली बात होगी कि ऐसा मामला सामने आने के बाद पुलिस विभाग में कितनी कसावट देखने को मिलती है।