धरमजयगढ़ को मिला अनुभवी नेतृत्व : श्री एस.आर. सिदार दूसरी बार बने विकासखंड शिक्षा अधिकारी – शिक्षकों और कर्मचारियों में खुशी की लहर…
• कर्मचारी संगठनों ने आतिशबाज़ी के साथ किया भव्य स्वागत, नगर भ्रमण में उमड़ा जनसमूह...

रायगढ़। जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड में शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच जबरदस्त उत्साह और खुशी का माहौल है। वरिष्ठ प्राचार्य श्री एस.आर. सिदार को एक बार फिर विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) के पद पर पदस्थ किया गया है। यह नियुक्ति केवल प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि शिक्षकों के आत्मसम्मान की पुनर्स्थापना और न्याय की प्रतीक बन गई है।
उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान, पुराने अन्याय का अंत : माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि व्याख्याता वर्ग के अधिकारियों को बीईओ जैसे प्रशासनिक पदपर नियुक्त नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके, पूर्ववर्ती सरकार में शासन ने न्यायिक निर्देशों की अवहेलना करते हुए अपने चहेते जूनियर व्याख्याताओं को लगभग 3 वर्षों तक प्रभारी बीईओ बनाए रखा।
इस अवधि में श्री सिदार जैसे वरिष्ठ, अनुभवी और योग्य प्राचार्य को पद से हटाकर विद्यालय में भेज दिया गया था। इससे धरमजयगढ़ के शिक्षकों और प्राचार्यों के बीच असंतोष और अपमान की भावना गहराती रही। अब जाकर उस लंबे अन्यायपूर्ण अध्याय का पटाक्षेप हुआ है।
शिक्षकों में उल्लास, स्वागत में उमड़ा जनसमूह : श्री एस.आर. सिदार की पुनः नियुक्ति की खबर फैलते ही धरमजयगढ़ में सड़क से कार्यालय और कार्यालय से घर तक उन्हें बधाई देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन, अन्य कर्मचारी संगठनों ने एकस्वर में इस निर्णय का स्वागत करते हुए श्री सिदार को धरमजयगढ़ के गौरव और शिक्षा जगत की प्रेरणा बताया।
आतिशबाज़ी और नगर भ्रमण के साथ भव्य स्वागत : कर्मचारियों की भावनाओं का आलम यह रहा कि श्री सिदार का नगर भ्रमण कराकर उनका आतिशबाज़ी और ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया।
पूर्व प्रभारी की कार्यशैली बनी असंतोष का कारण : इस पुनर्नियुक्ति ने परोक्ष रूप से यह भी सिद्ध कर दिया कि पूर्ववर्ती प्रभारी बीईओ की कार्यशैली से कर्मचारी वर्ग बेहद असंतुष्ट था। न्यायिक आदेशों की अवहेलना, अनुभवहीन नेतृत्व और एकपक्षीय निर्णयों के चलते शिक्षा विभाग में विसंगतियाँ और नाराजगी व्याप्त रही, जो अब जाकर समाप्त होती दिख रही है।
अनुभव का पुनर्संयोग – व्यवस्था में लौटेगी सुदृढ़ता :श्री सिदार को 25 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव प्राप्त है, जिनमें वे विभिन्न स्तरों पर शिक्षा विभाग की नीति, कार्यान्वयन और अनुशासन का सफल नेतृत्व कर चुके हैं। उनके दोबारा बीईओ बनने से शिक्षकों में नई ऊर्जा और भरोसा देखने को मिल रहा है।
एक शिक्षक नेता ने कहा –
“अब लगता है कि धरमजयगढ़ की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर मजबूत हाथों में है। अनुशासन, पारदर्शिता और संवाद की वापसी होगी।”
धरमजयगढ़ के शिक्षा विभाग में यह नियुक्ति केवल एक व्यक्ति की वापसी नहीं, बल्कि न्याय, अनुभव और शिक्षा के आत्मसम्मान की पुनर्प्राप्ति है। श्री एस.आर. सिदार की उपस्थिति निश्चय ही ब्लॉक की शिक्षण व्यवस्था में नवीन ऊर्जा, स्पष्ट दिशा और अनुशासन का संचार करेगी।