बड़े कटेकोनी : पंचायत नहीं, भ्रष्टाचार और दहशत का अड्डा!…
"शिकायत करोगे तो जान से जाओगे!" क्या यही है पंचायती राज व्यवस्था?...

सक्ती। जनपद पंचायत डभरा अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़े कटेकोनी में लोकतंत्र की आत्मा को कुचल देने वाला मामला सामने आया है। यहां 14वें और 15वें वित्त आयोग की राशि से किए गए विकास कार्यों का न कोई नामोनिशान है, न ही कोई वैध प्रक्रिया अपनाई गई।
ना इस्टीमेट, ना मूल्यांकन, ना भौतिक सत्यापन – सिर्फ कागजों पर ही निर्माण पूरा!
“मैं अफसरों को मक्खन-मलाई खिलाता हूँ…” सरपंच पति की दबंगई चरम पर : जब ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार की शिकायत की, तो उन्हें न्याय के बजाय धमकी मिली। सरपंच पति का बयान लोकतंत्र के मुंह पर तमाचा है –
“अगर मेरी पंचायत के खिलाफ शिकायत करोगे तो घर में घुसकर मारूंगा।”
“जाओ जहाँ शिकायत करनी है करो, पैसा नहीं मिलेगा। मैं अफसरों को मक्खन-मलाई खिलाकर सब सेट कर देता हूँ।”
क्या यही है “जनसेवा”? या फिर पंचायतें दबंगों की जागीर बन चुकी हैं?
शौचालय योजना में लूट : हितग्राही आज भी वंचित – स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिलने वाली ₹12,000 की प्रोत्साहन राशि आज भी कई पात्र हितग्राहियों को नहीं मिली।
उन्होंने बार-बार आवेदन और शिकायतें कीं, लेकिन उन्हें सिर्फ अपमान, धमकी और हतोत्साहित करने वाली प्रतिक्रियाएं मिलीं।
शिकायत का नतीजा : मारपीट, धमकी और FIR – जब कुछ ग्रामीणों ने साहस कर शिकायत दर्ज कराई, तो उन्हें सरेआम पीटा गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए डभरा थाना में सरपंच पति के विरुद्ध FIR दर्ज हुई, और पुलिस द्वारा वैधानिक धाराओं में प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
असली सरपंच नहीं, ‘प्रतिनिधि पति’ चला रहा पंचायत : यह मामला पंचायतों में व्याप्त एक गहरी बीमारी को उजागर करता है। जहां निर्वाचित महिला सरपंचों के नाम पर सत्ता असल में उनके पतियों के हाथों में होती है। यह न सिर्फ संविधान की भावना का अपमान है, बल्कि लोकतंत्र के साथ खुला खिलवाड़ भी है।
जनता की माँग- अब चुप्पी नहीं, ठोस कार्रवाई चाहिए! ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से स्पष्ट माँग की है:
- पंचायत में हुए सभी कार्यों का स्थल निरीक्षण व भौतिक सत्यापन किया जाए।
- 14वें और 15वें वित्त आयोग की राशि में हुए घोटाले की उच्च स्तरीय, निष्पक्ष जांच कराई जाए।
- वंचित हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि तत्काल प्रदान की जाए।
- दबंग सरपंच पति को तत्काल निलंबित कर जेल भेजा जाए।
- ‘प्रतिनिधि पति’ संस्कृति पर रोक के लिए कानूनी संशोधन और सख्त प्रावधान लागू किए जाएं।
🔴 शासन-प्रशासन से सवाल: क्या ये भी किसी फाइल में दफन हो जाएगा?
- क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी या फिर अफसर ‘मक्खन-मलाई’ में ही व्यस्त रहेंगे?
- क्या जनता की आवाज़ फिर एक बार दबा दी जाएगी?
- क्या ग्राम पंचायतों को यूं ही लूट का अड्डा बनने दिया जाएगा?