डौंडी के अड़जाल में अवैध ईंट भट्ठे से जनजीवन संकट में, प्रशासन मौन

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। डौंडी तहसील अंतर्गत ग्राम अड़जाल से ग्राम गुजरा होकर गुजरने वाले मार्ग पर वर्षों से अवैध रूप से ईंट भट्ठे का संचालन किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों ने बताया कि भट्ठे से निकलने वाला काला धुआं श्वसन तंत्र पर गंभीर असर डाल रहा है, जिससे राहगीरों और स्कूली बच्चों को इस मार्ग से गुजरना जोखिम भरा हो गया है।
भट्ठे से निकलने वाला प्रदूषण न केवल हवा को विषैला बना रहा है, बल्कि आसपास की मिट्टी की उर्वरता पर भी बुरा असर डाल रहा है। पर्यावरणविदों के अनुसार लगातार उच्च तापमान और कोयले के धुएं के कारण मृदा में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे कृषि योग्य भूमि बंजर हो सकती है। वहीं, भूजल स्रोतों पर भी प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि राख और रसायन धीरे-धीरे जल स्रोतों में मिलकर उसे दूषित कर रहे हैं। दूसरी ओर इन ईट भट्टो को पकाने के लिए पास स्थित जंगल से हरे भरे पेड़ो को काटकर इनकी लकड़ी को ईट भट्टो में झोंका जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि दुलारवा पिस्दा नामक व्यक्ति द्वारा ईट भट्ठा संचालन किया जा रहा है।
गंभीर बात यह है कि ग्रामीणों ने कई बार इस विषय पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन न तो ग्राम पंचायत, न पटवारी और न ही प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्यवाही की गई। इलाके के पटवारी को अपने कार्य क्षेत्र में होने वाले अवैध कार्यों की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देनी होती है लेकिन पटवारी द्वारा इस मामले को कई वर्षों से दबाकर रखा गया है। जिसका पटवारी और अवैध ईट भट्ठा संचालक में मिलीभगत को उजागर करता है। वही ऐसे ग़ैर जिम्मेदार पटवारी के विरुद्ध अपने राजस्व क्षेत्र में अवैध गतिविधियों जैसे ईंट भट्टों के संचालन की जानकारी होते हुए भी उस पर कोई कार्यवाही नहीं करता, उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट नहीं करता या जानबूझकर अनदेखी करता है तो उनके विरुद्ध छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के तहत दायित्वों की उपेक्षा तथा कर्तव्य में लापरवाही के लिए प्रशासकीय कार्यवाही की जा सकती है। जिसमें शोकॉज नोटिस (कारण बताओ सूचना) उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि वह वर्षों से रिपोर्ट क्यों नहीं कर रहे। प्राथमिक जांच (प्रीलीमिनरी इंक्वायरी) में वरिष्ठ अधिकारी (नायब तहसीलदार/तहसीलदार/एसडीएम) द्वारा जांच कराई जा सकती है।
वही इनके विरुद्ध वेतनवृद्धि रोकना या अवनति (डिमोशन) की जा सकती है जिसमें यदि लापरवाही सिद्ध हो जाती है तो वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है या उसे निचले पद पर भेजा जा सकता है। वही गंभीर लापरवाही या भ्रष्टाचार की आशंका पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा सकता है। अनुशासनात्मक विभागीय कार्यवाही (डीई) प्रक्रिया के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाती है जिसमें चेतावनी, वेतन कटौती या सेवा समाप्ति तक हो सकती है। इससे स्पष्ट होता है कि डौंडी ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी इस विषय पर या तो अनजान बने हुए हैं या जानबूझकर मौन साधे हैं।
पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीणों के स्वास्थ्य के मद्देनजर इस अवैध ईंट भट्ठे के विरुद्ध शीघ्र कार्यवाही की मांग की जा रही है। यदि समय रहते रोकथाम नहीं की गई, तो यह न केवल जनजीवन बल्कि पर्यावरण के लिए भी गंभीर संकट बन सकता है।
“ग्राम अड़जाल में अवैध रूप से संचालित ईंट भट्टों की जानकारी मिली है। जल्द ही पटवारी व राजस्व अमले को जांच हेतु मौके पर भेजा जाएगा। अगर ईट भट्ठा बिना अनुमति के संचालित पाया जाता है, तो नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी। पर्यावरण संरक्षण और जनस्वास्थ्य के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
देवेंद्र नेताम, तहसीलदार, डौंडी