रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल में विवाद: घायल को लाने आए दो युवकों के साथ जूनियर डॉक्टरों द्वारा मारपीट का आरोप, CCTV फुटेज पर उठे सवाल…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर मेमोरियल अस्पताल में रविवार देर रात एक विवादास्पद घटना सामने आई है। आरोप है कि अस्पताल के कुछ जूनियर डॉक्टरों ने एक सड़क दुर्घटना में घायल युवक को लाने आए दो युवकों के साथ मारपीट की। पीड़ित युवकों ने घटना की शिकायत मोहदापारा थाने में दर्ज कराई है।
जानकारी के अनुसार, रायपुर के अशोक नगर निवासी कैलाश शर्मा और पुरुषोत्तम शर्मा एक अज्ञात घायल युवक को लेकर देर रात अम्बेडकर अस्पताल पहुंचे थे। दोनों युवकों का कहना है कि जब उन्होंने घायल को भर्ती कराने के बाद ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर से इलाज संबंधी जानकारी मांगी, तो डॉक्टर ने उनसे अभद्र व्यवहार किया और इसके बाद मौके पर मौजूद अन्य जूनियर डॉक्टरों ने उनके साथ शारीरिक रूप से मारपीट की।
पीड़ितों के अनुसार, उन्होंने केवल मरीज की स्थिति जानने का प्रयास किया था, लेकिन जवाब देने के बजाय डॉक्टर ने नाराज होकर पहले घायल युवक का गला दबाया और फिर दोनों युवकों से हाथापाई की गई।
CCTV फुटेज को लेकर उठे सवाल :घटना की जानकारी सामने आने के बाद पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए CCTV फुटेज की मांग की गई। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन द्वारा जारी किया गया फुटेज अधूरा बताया जा रहा है। पीड़ित पक्ष और स्थानीय लोगों का आरोप है कि पूरा घटनाक्रम सामने नहीं लाया गया है, और गंभीर मारपीट के दृश्य जानबूझकर सार्वजनिक नहीं किए गए। इससे अस्पताल प्रशासन की भूमिका को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले : गौरतलब है कि इससे पहले भी अम्बेडकर अस्पताल में मरीजों के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें सामने आती रही हैं। कई बार जूनियर डॉक्टरों और सुरक्षाकर्मियों द्वारा आक्रामक व्यवहार की बातें भी उजागर हुई हैं।
हालांकि, इन मामलों में अक्सर आंतरिक जांच के बाद कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं होती, जिससे पीड़ितों में न्याय को लेकर असंतोष देखा गया है।
पुलिस और अस्पताल प्रबंधन की प्रतिक्रिया : मोहदापारा थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से लिखित शिकायत प्राप्त हुई है और मामले की जांच की जा रही है। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि जांच समिति बनाई गई है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
अब उठते हैं कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न :
- क्या अस्पतालों में संवाद की कमी हिंसा का कारण बन रही है?
- क्या चिकित्सकों को तनाव प्रबंधन और जनसंपर्क के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है?
- और क्या मरीजों एवं उनके परिजनों के साथ व्यवहार में और अधिक संवेदनशीलता लाने की जरूरत है?
समाज की अपेक्षा – निष्पक्ष जांच और जवाबदेही : इस घटना ने चिकित्सा सेवाओं में संवेदनशीलता और जवाबदेही की आवश्यकता पर एक बार फिर से गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। समाज यह उम्मीद करता है कि:
- मामले की निष्पक्ष जांच हो,
- दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाए,
- और अस्पतालों को ऐसा माहौल मिले, जहां सेवा, सम्मान और संवाद प्राथमिकता हो।