धमतरी

कुरुद बना चोरों का अड्डा! पुलिस तमाशबीन, जनता लाचार — अब उम्मीद किससे करें?

धमतरी। कभी ‘सुनहरे सपनों का कस्बा’ कहा जाने वाला कुरुद अब चोरों और लुटेरों का सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। हालात ऐसे हैं कि घर, मंदिर, सड़क, वाहन—कुछ भी सुरक्षित नहीं है। और पुलिस? वह महज़ मूकदर्शक बनी बैठी है। कुरुद में अपराधी बेखौफ हैं, और पुलिस बेपरवाह।

‘दारू-मलाई’ में व्यस्त पुलिस, चोरों को खुली छूट : जब पुलिस की प्राथमिकता अपराध नियंत्रण नहीं, बल्कि ‘दारू पार्टी’ और ‘मलाईदारी’ बन जाए, तब अपराधियों के हौसले बुलंद होना स्वाभाविक है। कुरुद थाना परिसर में फाइलों पर धूल और अफसरों की लापरवाही साफ झलकती है।

चोरी की घटनाएं अब सामान्य बात हो चुकी हैं, और पुलिस ने भी इन्हें रूटीन मान लिया है। ना नियमित गश्त, ना समयबद्ध जांच, ना ही ठोस कार्रवाई — सिर्फ कागजी खानापूर्ति और फोटो खिंचवाकर वाहवाही।

सड़क से बाइक चोरी, मंदिरों में सेंध – पुलिस से दो कदम आगे अपराधी : ताजा मामला दिलीप जादवानी का है, जिनकी बजाज प्लेटिना मोटरसाइकिल (CG05AG5014) उनके घर के सामने से चोरी हो गई और वह भी मेन रोड पर स्थित मकान से!

सवाल यह है :
👉 जब मुख्य मार्ग पर स्थित घर ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आंतरिक बस्तियों का क्या हाल होगा?
👉 क्या कुरुद पुलिस अपराधियों के सामने घुटने टेक चुकी है?

लूट की घटनाएं आम, शिकायतों पर थाने का ठंडा रवैया : 

  • ग्राम राखी निवासी एक व्यक्ति को नगर की व्यस्त सड़क पर दिनदहाड़े लूटा गया।
  • केनाल रोड पर मंजन बेच रहे एक फेरीवाले से दो बाइक सवारों ने मोबाइल और नगदी छीन ली — लेकिन डर के कारण उसने शिकायत दर्ज नहीं करवाई।
  • चंद्राकर भवन के पास स्कूटी चोरी का प्रयास भी हुआ — सौभाग्यवश चोर चाबी बनवाते समय पकड़े गए।

इन घटनाओं से एक बात स्पष्ट है – अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका है, और पुलिस की भूमिका मात्र औपचारिकता तक सिमटकर रह गई है।

क्या कुरुद थाना अपराधियों की ढाल बन चुका है? – थाना प्रभारी श्री राजेश जगत की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। शिकायतों को केवल औपचारिकता मान लेना, अपराधियों की धरपकड़ में सुस्ती और निष्क्रियता यह सब इस बात का संकेत है कि पुलिस अब जनविश्वास खोती जा रही है।

क्या अब जनता को अपनी सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित करनी पड़ेगी? क्या हम अराजकता की ओर बढ़ रहे हैं?

जनता पूछ रही है : 

  • चोरों को आखिर किसका संरक्षण प्राप्त है?
  • क्या पुलिस अपराधियों से मिली हुई है या सिर्फ लापरवाह?
  • कब खत्म होगी कुरुद में अपराधों की बेलगाम लहर?

“कब जागेगा कुरुद थाना? कब रुकेगा अपराध?” : अगर पुलिस प्रशासन नहीं चेता, तो जल्द ही जनता को सड़कों पर उतरकर जवाब मांगना होगा। क्योंकि अब चुप रहना, अपराधियों को खुली छूट देने जैसा है।

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