धरमजयगढ़ में पीडब्ल्यूडी की आपराधिक लापरवाही! इरकॉन कंपनी को खुली छूट? आमजन की जान खतरे में…

धरमजयगढ़ (रायगढ़)।जब शासन-प्रशासन आंख मूंद ले और ठेकेदारों को मनमानी की छूट मिल जाए, तो नियमों की धज्जियां उड़ना तय है। धरमजयगढ़ लोक निर्माण विभाग (PWD) और रेलवे लाइन निर्माण कर रही इरकॉन प्राइवेट लिमिटेड की संदिग्ध चुप्पी और लापरवाही अब आम जनता की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गई है।
हाटी-सिथरा मुख्य मार्ग पर पिछले चार महीनों से बिना अनुमति खुदाई कर निर्माण किया गया है, लेकिन न कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया, न कोई वैकल्पिक मार्ग सुरक्षा मानकों के अनुरूप तैयार किया गया। यह स्थिति अब दुर्घटनाओं और अराजकता को जन्म दे रही है।
देर रात हादसा : मुख्य मार्ग पर फंसा वाहन, चोरों ने किया हमला – बीती रात करीब 2 बजे, जशपुर से कोरबा जा रहा मालवाहक वाहन अचानक मुख्यमार्ग में खोदे गए गड्ढे में फंस गया। चारों ओर घना अंधेरा और कोई चेतावनी बोर्ड नहीं था। चालक मोहनलाल सारथी ने बताया –
“रात दो बजे से वाहन फंसा हुआ है। सड़क पर कोई संकेत नहीं था। इसी दौरान दो वाहन में सवार चोर आए और मेरी डीज़ल टंकी का लॉक तोड़ गए। अगर मेरी जान चली जाती, तो जिम्मेदार कौन होता?”
बिना अनुमति तोड़ी सड़क, फिर भी कार्रवाई नहीं! क्या ठेकेदारों को अभयदान मिला है? – जानकारी के अनुसार, इरकॉन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पीडब्ल्यूडी की अनुमति लिए बिना मुख्य सड़क की खुदाई कर दी गई, और पास में एक अस्थायी मार्ग बना दिया गया। यह न केवल शासकीय संपत्ति से छेड़छाड़ है, बल्कि आपराधिक लापरवाही का मामला भी है।
9 मई 2025 को ग्राम मुन्नूद के सुशासन तिहार शिविर में नीरज बिस्वास द्वारा इसकी लिखित शिकायत की गई थी। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने पहले एफआईआर दर्ज करने की बात कही, लेकिन कुछ ही दिनों में रुख बदलते हुए कहा गया :
“इरकॉन ने एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के लिए आवेदन दिया है, इसलिए कोई समस्या नहीं है।”
क्या अब अपराध के बाद एनओसी का आवेदन देना कानूनी संरक्षण बन चुका है?
सुशासन तिहार बना औपचारिकता, पीडब्ल्यूडी की भूमिका संदेहास्पद : शिकायतकर्ता नीरज बिस्वास ने साफ तौर पर नाराजगी जताते हुए कहा—
“मैंने सुशासन तिहार में विधिवत शिकायत की थी। अधिकारियों ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन अब इरकॉन को बचाने के लिए बहाने गढ़े जा रहे हैं। यह दिखाता है कि जनता की शिकायतें केवल फाइलों में दफन की जा रही हैं।”
बरसात में जानलेवा साबित हो सकता है यह मार्ग : मानसून की शुरुआत हो चुकी है। गड्ढों, अस्थायी मार्गों और बिना संकेतक वाली सड़कों से रोज हजारों लोग गुजरते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी क्षण बड़ी दुर्घटना हो सकती है। क्या प्रशासन किसी की मौत के बाद जागेगा?
जब सड़क टूटी हो, तब फाइल बिलासपुर घूम रही है : धरमजयगढ़ के पीडब्ल्यूडी इंजीनियर गौरव शर्मा ने जवाब दिया –
“इरकॉन कंपनी द्वारा एनओसी के लिए आवेदन किया गया है, जिसे हमने बिलासपुर भेजा है।”
यह जवाब विभागीय असंवेदनशीलता का प्रतीक बन चुका है। जब लोग सड़क में फंस रहे हैं, उस वक्त फाइलें बिलासपुर में घूम रही हैं!जनता पूछ रही है : जवाबदेही कब तय होगी?
जनहित में उठाई गई मांगें:
- इरकॉन प्राइवेट लिमिटेड पर शासकीय संपत्ति से छेड़छाड़ और जन सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
- धरमजयगढ़ पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर स्वतंत्र जांच कराई जाए।
- निर्माण क्षेत्र में चेतावनी बोर्ड, बैरिकेडिंग, संकेतक और रात्रिकालीन रिफ्लेक्टर युक्त साइन अनिवार्य रूप से लगाए जाएं।
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों और मीडिया की निगरानी में समस्त प्रगति रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
- समस्त अस्थायी मार्गों की गुणवत्ता की तीसरे पक्ष से तकनीकी जांच कराई जाए।
यह केवल एक गड्ढे में गाड़ी फंसने की कहानी नहीं है, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की निष्क्रियता का पर्दाफाश है। अब जनता खामोश नहीं रहेगी। या तो जिम्मेदार सुधरें, या जनता उन्हें जवाब देना जानती है।