लैलूंगा : 650 की ठगी, डिजिटल धोखेबाज सिदार का ‘बूट कैंप’ या ‘लूट कैंप’?…
• सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर गांववालों का डिलीट कर गया भरोसा!...

लैलूंगा। जनता के शब्दों में सच्चाई –
“कंप्यूटर सीखने का वादा किया था… और जेब से ‘सिस्टम फॉर्मेट’ कर दिया।
आज बच्चे लैपटॉप की जगह थाने में रिपोर्ट टाइप करने को मजबूर हैं।”
💰 650 रुपये × 800 लोग = करोड़ों का सपना, लाखों का छल : सितम्बर 2024, लैलूंगा ब्लॉक के गांव-गांव में आशीष सिदार का प्रचार तंत्र सक्रिय था।
वादा था “कंप्यूटर कोर्स मिलेगा, सरकारी नौकरी की तैयारी कराएंगे!”
लेकिन मिला क्या?
✔ वादा
❌ कोर्स
❌ ट्रेनिंग सेंटर
❌ प्रमाणपत्र
❌ जवाबदेही
कुल वसूली — ₹5,20,000 से अधिक, और बदले में ‘जीरो’!
BNS के तहत दर्ज हो अपराध, नहीं तो खुद उठेगा गांव : अब ग्रामीणों की स्पष्ट मांग है कि सिदार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 के तहत प्रकरण दर्ज हो।
भरोसा करप्ट, सिस्टम हैंग – अब जनता करेगी रीबूट : अब गांववालों का कहना है:“सरकार अगर नींद में है, तो हमें झकझोरना आता है। अब FIR व गिरफ्तारी चाहिए!”
यह केवल ठगी नहीं, भरोसे का डिजिटल कत्ल है : सिदार जैसे जालसाज़ Digital India की साख में कील ठोक रहे हैं।
अब गांव पूछ रहा है : कब आएगा न्याय का अपडेट वर्जन –
- आशीष सिदार पर BNS की धाराओं में FIR दर्ज हो
- सभी पीड़ितों को उनकी रकम ब्याज सहित वापस मिले
- ऐसे ठगों की पहचान कर ‘ब्लैकलिस्ट’ जारी की जाए
- डिजिटल ठगी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाए
यह रिपोर्ट केवल एक खबर नहीं गांव की चीख है।
यह मामला सिखाता है : कोर्स से पहले, ‘कोर्स देने वाले’ की हार्ड डिस्क जांच ज़रूरी है।
सिदार ने जो किया, वो कम्प्यूटर कोर्स नहीं
BNS के अनुसार, अपराध की ‘हार्ड ड्राइव’ है जिसे अब सिस्टम में डालकर फॉर्मेट करना जरुरी होगा!