बालोद पुलिस अब अवैध अप्रवासियों पर कसेगी शिकंजा, कानून संबंधी विशेष कार्यशाला में एसपी ने दिए सख्त निर्देश
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। हमारे द्वारा प्रकाशित खबर “अवैध प्रवासियों के खिलाफ बालोद जिले की पुलिस सुस्त” पर जिले के नए एसपी ने संज्ञान में लिया है जिसके बाद बालोद एसपी ने जिले में अवैध रूप से निवासरत अप्रवासी भारतीय को खोज खोजकर उन्हें गिरफ्तार करने के सख्त निर्देश दिए हुए है। अब देखते है कि जिले के जिम्मेदार थाना प्रभारी क्या कुछ करते है? आपको बता दें कि अभी हाल ही में रायपुर में पिछले 16 साल से बांग्लादेशी दंपत्ति निवासरत थे जिन्होंने वहां के पार्षद और सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत कर इनके फर्जी स्कूल सर्टिफिकेट तथा अन्य जरूरी दस्तावेज तक बनवा रखे थे। जिसका खुलासा रायपुर पुलिस ने किया है। ठीक इसी तरह बालोद जिले के दल्ली राजहरा व बालोद शहर में भी पाकिस्तान के सिंध प्रांत, बांग्लादेश तथा म्यांमार से चोरी छुपे घुस आए विदेशी नागरिकों ने रिश्वत देकर अपने फर्जी दस्तावेज बनवा लिए होंगे! जिसमें कई सरकारी कर्मचारी और कई पार्षद तक बन गए है। जिसकी नियमत: जांच नितांत आवश्यक है। दल्ली राजहरा इसलिए टारगेट में है क्योंकि यहां लौह अयस्क खदान है जिसमें रोजगार के कई साधन उपलब्ध है। वही खदान में नौकरी करने के कारण कोई भी अवैध अप्रवासियों पर शक नहीं करेगा।
जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने तथा सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी करने के उद्देश्य से दिनांक 14 जून 2025 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय बालोद के सभागार में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक योगेश कुमार पटेल ने की, जिसमें जिले के समस्त राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी और पुलिस कार्यालय के शाखा प्रभारीगण उपस्थित रहे।
कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य जिले में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी व्यक्तियों की पहचान करना और उनके विरुद्ध कानूनी एवं प्रशासनिक कार्यवाही को प्रभावी ढंग से अमल में लाना था। पुलिस अधीक्षक श्री पटेल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले के प्रत्येक थाना क्षेत्र में निवासरत किरायेदारों, बाहरी मजदूरों, संदिग्ध व्यक्तियों और दस्तावेजहीन प्रवासियों का पूर्ण सत्यापन किया जाए। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों की भांति बालोद में भी इस दिशा में ठोस कार्यवाही अपेक्षित है।
उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि किरायेदारों और बाहरी निवासियों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें और ऐसे मामलों में लापरवाही बरतने वाले मकान मालिकों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाए। जिन व्यक्तियों के पास वैध पहचान पत्र या निवास प्रमाण नहीं है, उन पर जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाही की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे अवैध अप्रवासी भविष्य में कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकते हैं, इसलिए समय रहते इनकी पहचान और निष्कासन आवश्यक है।
कार्यशाला में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी जैसे एसडीओपी देवांश सिंह राठौर, सीएसपी डॉ. चित्रा वर्मा, डीएसपी बोनीफास एक्का ने भी अपने अनुभव साझा किए और अवैध अप्रवासी तथा असत्यापित किरायेदारों के संबंध में वर्तमान स्थिति और उपायों पर विस्तृत चर्चा की।
इसके अतिरिक्त, पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियों को यह भी निर्देशित किया कि प्रत्येक थाना क्षेत्र में जन जागरूकता अभियान चलाकर नागरिकों को किरायेदार सत्यापन, बाहरी मजदूरों के पहचान पत्रों की जांच तथा पुलिस को सूचना देने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि नागरिकों की सहभागिता के बिना ऐसी कार्यवाही पूरी तरह सफल नहीं हो सकती।
अन्य जिलों से मिले उदाहरणों का हवाला देते हुए श्री पटेल ने बताया कि कैसे कुछ स्थानों पर अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों या अन्य राज्यों के आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को हिरासत में लेकर संबंधित कानूनों के तहत सख्त कार्यवाही की गई है। बालोद में भी ऐसी ही सख्ती बरतने का समय आ गया है, जिससे जिले की शांति और सुरक्षा बनी रहे।
अंत में, पुलिस अधीक्षक ने सभी अधिकारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्र में स्थिति का त्वरित आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और यह स्पष्ट किया कि इस अभियान की निगरानी स्वयं पुलिस अधीक्षक स्तर से की जाएगी।
इस कार्यशाला को जिले की सुरक्षा रणनीति के तहत एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे बालोद को अवैध गतिविधियों और असामाजिक तत्वों से मुक्त रखने की दिशा में ठोस पहल की गई है। वर्कशॉप एवं मीटिंग के दौरान एसडीओपी देवांश सिंह राठौर, सीएसपी डॉ चित्रा वर्मा, डीएसपी राजेश बागडे, डीएसपी बोनीफास एक्का एवं जिले के समस्त थाना प्रभारी एवं पुलिस कार्यालय बालोद के शाखा प्रभारीगण उपस्थित थे।
“अवैध प्रवासियों के खिलाफ बालोद जिले की पुलिस सुस्त”