जशपुर पुलिस का जंगल में शिकार!ऑपरेशन शंखनाद में 4 गौवंश मुक्त, 2 कुख्यात तस्कर दबोचे…

जशपुर, 27 मई 2025। छत्तीसगढ़ के जशपुर में गौवंश तस्करों के खिलाफ जंग अब निर्णायक मोड़ पर है। जशपुर पुलिस का ‘ऑपरेशन शंखनाद’ अब तस्करों के लिए काल बन चुका है। आज लोदाम थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बार फिर दमदार कार्रवाई करते हुए घने जंगलों में घेराबंदी कर 4 गौवंशों को तस्करी से बचा लिया और दो शातिर तस्करों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
जंगल में छापा, तस्कर दबोचे – ऑपरेशन शंखनाद की दहाड़ : मुखबिर से सूचना मिली – दो तस्कर 4 गौवंशों को बेरहमी से पीटते हुए पैदल झारखंड की ओर ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने बिना देर किए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के निर्देश पर जंगल में कॉम्बिंग शुरू की। कोनबिरा-अम्बा घुटरा जंगल में जैसे ही पुलिस पहुंची, सामने दिखे दो दरिंदे – गौवंशों को लाठियों से पीटते हुए आगे बढ़ा रहे थे।
पुलिस ने फौरन घेराबंदी कर दोनों को दबोच लिया। 4 निर्दोष गौवंशों को सुरक्षित छुड़ाया गया।
गिरफ्त में आए तस्कर – खुलासा चौकाने वाला!गिरफ्तार आरोपी:
- गणेश राम सुरेन (35 वर्ष)
- बुध नाथ राम (28 वर्ष)
(दोनों निवासी – ग्राम झोलंगा, घोराघाट, थाना लोदाम)
पूछताछ में तस्करों ने चौंकाने वाला खुलासा किया – ये गौवंश झारखंड के हामिद खान के कहने पर ग्राम बरगीडीह ले जाए जा रहे थे। तस्करी का यह नेटवर्क अब पुलिस के निशाने पर है। जांच तेज हो चुकी है, हामिद खान की तलाश जारी है।
कानूनी शिकंजा – कई धाराओं में केस दर्ज : तस्करों पर लगे हैं सख्त धाराएं:
- छ.ग. कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 6, 10
- पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(1)(क), (घ)
दस्तावेज न होने, अपराध स्वीकारने और पुख्ता सबूतों के आधार पर दोनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
889 गौवंश तस्करी से मुक्त – 122 तस्कर सलाखों के पीछे!ऑपरेशन शंखनाद की अब तक की रिपोर्ट:
- 889 गौवंश तस्करी से मुक्त
- 122 तस्कर गिरफ्तार
- जंगल, बॉर्डर और गांव-गांव में सघन अभियान
- जशपुर बना पशु तस्करी के खिलाफ राज्य का सबसे सख्त जिला!
जशपुर एसपी शशि मोहन सिंह का सख्त संदेश :
“तस्करी का धंधा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऑपरेशन शंखनाद के तहत कार्रवाई और तेज होगी। अब कोई भी गौवंश तस्कर पुलिस की नजर से बच नहीं पाएगा।”
पुलिस टीम बनी रक्षक – लोदाम पुलिस की सराहनीय कार्रवाई : इस कार्रवाई में निरीक्षक हर्ष वर्धन चौरासे, एएसआई सहबिर भगत, आरक्षक प्रवीण तिर्की व सुभाष पैंकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन जवानों ने जंगल में भी जान जोखिम में डालकर गौवंशों को सुरक्षित बचाया।