“सक्ती में सड़क पर मचा कहर: हार्वेस्टर ने रौंदी ज़िंदगी, तीन युवकों की मौके पर दर्दनाक मौत, लोहे के कटर में फंसे शव के चिथड़े…!”

सक्ती। शनिवार रात सक्ती जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र में ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसने पत्थरदिलों को भी हिला दिया। जैजैपुर रोड पर मिशन पेट्रोल पंप के पास एक बेलगाम हार्वेस्टर ने तेज रफ्तार में बाइक को ऐसी टक्कर मारी कि तीन युवाओं की मौके पर ही मौत हो गई। ये टक्कर नहीं, मौत का सीधा न्योता थी और उसने एक पल में तीन घरों के चिराग बुझा दिए।
तीनों मृतक युवक सतगढ़ गांव के निवासी थे। हादसे की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हार्वेस्टर के घातक कटर में युवाओं के शव बुरी तरह फंस गए। लोहे के धारदार ब्लेड में फंसे शरीर के टुकड़ों को निकालने के लिए पुलिस और ग्रामीणों को खून जमा देने वाली मशक्कत करनी पड़ी।
घटना स्थल का दृश्य इतना भयावह था कि देखने वालों की चीखें निकल पड़ीं। बाइक के परखच्चे उड़ चुके थे, और सड़कों पर बिखरे खून व शरीर के टुकड़े किसी नरसंहार जैसे प्रतीत हो रहे थे। घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों की आंखें नम थीं और दिलों में सिर्फ एक सवाल – आखिर हमारी सड़कों पर मौत कब तक यूं ही दौड़ती रहेगी?
पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है, लेकिन ये हादसा प्रशासन की आंखें खोलने के लिए काफी है। गांव में मातम पसरा है, लेकिन सिस्टम अब भी चुप है।
- क्या हार्वेस्टर जैसे जानलेवा वाहनों को रात में सड़कों पर चलने की खुली छूट दे दी गई है?
- क्या युवाओं की जिंदगी की कोई कीमत नहीं बची?
- कब तक जिम्मेदार विभाग कागज़ों पर जांच और सहानुभूति की चादर ओढ़ते रहेंगे?
यह कोई आम हादसा नहीं, सिस्टम की नाकामी का सबूत है।
अब अगर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो अगली मौत किसकी होगी ये सिर्फ वक्त बताएगा।