जोग नाला के पीछे अवैध मुरूम खनन : प्रशासनिक चुप्पी पर उठे सवाल

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के अर्जुन्दा नगर से लगे जोग नाला क्षेत्र में अवैध मुरूम खनन का मामला सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, एक व्यक्ति द्वारा इस क्षेत्र में मुरूम का अवैध उत्खनन कर महंगे दामों पर बिक्री की जा रही है। शासकीय शराब भट्टी के पीछे स्थित इस क्षेत्र में कई फीट गहरे गड्ढे खोदकर मुरूम निकाला जा रहा है, जिसे भारी वाहनों के माध्यम से अन्यत्र परिवहन किया जा रहा है। अर्जुन्दा नगर से लगे जोग नाला के पीछे अवैध मुरूम खनन कर महंगे दामों पर बेच दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि किसी सुग्रीव साहू के द्वारा यहां मुरूम को अवैध उत्खनन कर कही और परिवहन किया जा रहा है। आपको बता दें कि अर्जुन्दा में ही शासकीय शराब भट्टी के पीछे जोग नाला के पास ही कई फिट मुरूम का अवैध उत्खनन किया गया है। वहीं बड़ी बड़ी हाइवा वाहनों से अन्यत्र परिवहन किया जा रहा है। वहीं जिला खनिज अधिकारी को इस संबंध में जानकारी लेनी चाही तो उनका फोन ही नहीं लगा।
आपको बता दे कि बालोद खनिज विभाग के अवैध खनिज माफियाओं के मुहब्बत के किस्से लगातार सुर्खियों में है। वहीं अर्जुन्दा का राजस्व अमला भी इस संबंध में चुप्पी साधे हुए है। इस अवैध गतिविधि के बावजूद, जिला खनिज विभाग और राजस्व अमला मौन साधे हुए हैं। खनिज विभाग की निष्क्रियता और राजस्व विभाग की चुप्पी से यह स्पष्ट होता है कि अवैध खनन को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। आपको बता दें कि जिस स्थान पर अवैध मुरूम उत्खनन किया जा रहा है वही बगल में ही किसानों की फसल सींचने के लिए जल संसाधन विकास की ओर से नहर गुजर रही है। वहीं नगर के ठीक बगल ने मुरूम के लिए गहरा गढ्ढा खोद दिया गया है जिससे भविष्य में नहर को काफी क्षति पहुंच सकती है।
अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम, 2015 के नियम 71 और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21 के तहत सख्त प्रावधान हैं। इन नियमों के तहत, बिना वैध अनुमति के खनिजों का उत्खनन और परिवहन करने पर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
हाल ही में, बिलासपुर जिले में अवैध मुरूम उत्खनन के मामलों में खनिज विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्यवाही के दौरान कई हाईवा और जेसीबी मशीनें जब्त की गईं। इन मामलों में दोषियों के खिलाफ उपरोक्त अधिनियमों के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं। लेकिन बालोद खनिज विभाग की सुस्ती व अनदेखी के चलते खनिज माफियाओं के हौंसले बुलंद है। वहीं जिले की नई कलेक्टर भी इनके कारनामों पर कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दे रही है।
अर्जुन्दा क्षेत्र में अवैध मुरूम खनन की गतिविधियां पर्यावरणीय संतुलन को बिगाड़ने के साथ-साथ शासन की नीतियों की अवहेलना कर रही हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की निष्क्रियता से यह स्पष्ट होता है कि अवैध खनन को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कार्यवाही की नितांत आवश्यकता है।