ऑपरेशन सिंदूर : 25 मिनट में खत्म किए आतंक के अड्डे – जहां बनते थे कसाब, हेडली और फिदायीन जैसे दरिंदे…

नई दिल्ली। 7 मई 2025, रात 1:05 बजे से 1:30 बजे तक भारत ने 25 मिनट में वो कर दिखाया, जो दशकों से दुनिया देखना चाहती थी। आतंक के पनाहगाह अब खंडहर हैं, और पाकिस्तान के चेहरे से नकाब उतर चुका है।
पहलगाम हमले का प्रतिशोध – अब भारत चुप नहीं बैठता, चोट देता है और वो भी आर-पार की :22 अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में 26 भारतीय वीरगति को प्राप्त हुए थे। पूरे देश में आक्रोश था, लेकिन सरकार और सेना खामोश थी क्योंकि शोर नहीं, वार करना था। 7 मई की रात, भारत ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर स्थित 9 आतंकी ठिकानों को चुन-चुनकर ध्वस्त किया। ये वे स्थान थे जहाँ अजमल कसाब, डेविड हेडली, मसूद अजहर और हाफ़िज़ सईद जैसे नरपिशाच तैयार होते थे।
ऑपरेशन सिंदूर : लक्ष्य आतंक की जड़ पर सीधा प्रहार –
अभियान अवधि | 25 मिनट |
---|---|
हमले का क्षेत्र | POK और पाकिस्तान के भीतरी भाग |
टारगेट | 9 आतंकी अड्डे |
मिसाइलें दागीं | 24 |
आतंकी मारे गए | 135+ (प्राथमिक आंकड़ा) |
भारतीय क्षति | शून्य |
इन 9 आतंकी अड्डों पर कहर बनकर टूटे भारतीय मिसाइलें :
POK के 5 ठिकाने :
- सवाईनाला कैंप (मुजफ्फराबाद) – लश्कर का प्रमुख लॉन्च पैड, जहां से घाटी में आतंकियों को भेजा जाता था।
- सैयदना बिलाल बेस (कोटली) – जैश की रिक्रूटमेंट व प्रशिक्षण यूनिट, विस्फोटक तैयारी की फैक्ट्री।
- गुलपुर कैंप (राजौरी मार्ग) – अत्याधुनिक IED निर्माण केंद्र।
- बरमाला कैंप (बिंबर) – हिजबुल की गुप्त ट्रेनिंग यूनिट।
- अब्बास कैंप (कोटली) – फिदायीन दस्तों की तैयारी का अड्डा।
पाकिस्तान के भीतर 4 ठिकाने :
- मरकज तैयबा (मुरीदके, लाहौर) – लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर, जहां कसाब को प्रशिक्षित किया गया।
- मरकज सुभानअल्लाह (बहावलपुर) – जैश का मस्तिष्क केंद्र, जहां पुलवामा से लेकर पहलगाम तक की साजिशें रची गईं।
- सर्जल बेस (सियालकोट) – हथियार और घुसपैठ के लिए प्रयोग किया जाने वाला ठिकाना।
- महमूना कैंप (गुज्जरांवाला) – हिजबुल का संचालनालय, जहां घाटी में हिंसा के आदेश दिए जाते थे।
मरकज तैयबा – आतंक का गढ़ अब खंडहर बन चुका है : लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके, पाकिस्तान की सरजमीं पर स्थित वह स्थान था, जहां दुनिया को दहलाने की योजनाएँ बनती थीं। कसाब यहीं से निकला, और मुंबई को रक्तरंजित किया। भारत ने इस अड्डे को चार सटीक स्ट्राइक से चपेट में लिया। 62 आतंकी मौके पर ढेर, जिनमें ऑपरेशनल कमांडर, ट्रेनर और विदेशी फंडिंग समन्वयक शामिल थे।
बहावलपुर में जैश का अंत -मसूद अजहर का किला खाक हुआ : मसूद अजहर का ठिकाना मरकज सुभानअल्लाह, भारत के राडार पर पहले से था। इस बार वहाँ से उठती थी केवल आग और धुआँ।28 आतंकियों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें मसूद के नज़दीकी और विदेशी प्रशिक्षक शामिल हैं।
सटीक हमले, शून्य नागरिक क्षति – यही है भारतीय सैन्य नीति : इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि एक भी नागरिक या रिहायशी ढांचा प्रभावित नहीं हुआ। भारत ने आतंकियों को खत्म किया, पाकिस्तान को नहीं। यह विश्व के लिए एक स्पष्ट संदेश है – भारत युद्ध नहीं चाहता, पर आत्मरक्षा में किसी भी हद तक जा सकता है।
पाकिस्तान की बौखलाहट – एलओसी पर फायरिंग, भारत ने दिया मुँहतोड़ जवाब : हमले के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान की सेना ने एलओसी पर संघर्ष विराम तोड़ते हुए भारी गोलाबारी शुरू की, लेकिन भारतीय सेना पहले से तैयार थी। पाक की हर तोप का जवाब दुगनी ताकत से मिला। पाक सेना को भारी नुकसान की खबरें हैं।
अब भारत आतंक के सिर पर वार करता है, छाया पर नहीं : भारत ने इस ऑपरेशन से सिद्ध कर दिया है कि अब वो रणनीतिक चुप्पी से नहीं, सर्जिकल तीव्रता से जवाब देगा। ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ पहलगाम का प्रतिशोध था, बल्कि आने वाली सदी के लिए भारत की सैन्य नीति का घोषणापत्र भी। अब आतंक की फैक्ट्रियाँ मिटेंगी, और भारत की सीमा से दूर ही दफन होंगी चाहे वो बहावलपुर हो, मुरीदके हो या कोटली का कोई गुप्त तहखाना।