रायगढ़

लैलूँगा में कबाड़ी माफिया का आतंक : हर घर बना निशाना, प्रशासन की चुप्पी खतरनाक मोड़ पर…!

लैलूँगा (रायगढ़)।लैलूँगा अब चोरी का गढ़ बन चुका है और इसके पीछे सबसे बड़ा नाम है अवैध कबाड़ी माफिया। बिना किसी अनुमति और निगरानी के धड़ल्ले से चल रही कबाड़ी की दुकानों ने पूरे क्षेत्र को असुरक्षा के अंधेरे में धकेल दिया है।

अब सिर्फ सामान नहीं, चैन भी चुराई जा रही है : घरों से बाल्टी, टंकी, पाइप, तसला, डिब्बा जो हाथ लगे, वह गायब! सुबह उठते ही लोग समझ नहीं पाते कि रात को क्या खो दिया। अब ये सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि संगठित अपराध है और इसके तार सीधे कबाड़ी दुकानों से जुड़ते नजर आ रहे हैं।

सरकारी बोर्ड गायब, नल टूटे – कबाड़ के भूखे भेड़िए सब निगल रहे हैं : नगर पंचायत द्वारा लगाए गए लोहे के बोर्ड तक चुराए जा रहे हैं। सार्वजनिक नलों के पाइप काटे जा रहे हैं। पार्क की रेलिंग तक गायब है। सवाल यह नहीं कि कौन कर रहा है, सवाल यह है कि प्रशासन आंखें बंद क्यों किए बैठा है?

आखिर किसका संरक्षण पा रहा है यह कबाड़ी गिरोह? : कौन हैं वो लोग जो बिना लाइसेंस कबाड़ी दुकान चला रहे हैं? क्यों पुलिस अब तक इन दुकानों की जांच नहीं कर रही? क्या इनके पीछे कोई सफेदपोश सरपरस्त है? क्या लैलूँगा को जानबूझकर अपराधियों के हवाले किया जा रहा है?

जनता का सब्र अब जवाब दे रहा है : स्थानीय रहवासियों का गुस्सा अब उबाल पर है। लोग खुलकर कह रहे हैं — “अगर प्रशासन नहीं जागा, तो जनता खुद सड़क पर उतरेगी।” लैलूँगा की गलियों में डर नहीं, अब आक्रोश गूंज रहा है।

मांगें साफ हैं:

  • सभी अवैध कबाड़ी दुकानों को सील किया जाए!
  • चोरी के मामलों की फास्ट ट्रैक जांच हो!
  • प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो, कौन दे रहा है इन माफियाओं को संरक्षण?

अब सिर्फ सवाल नहीं, कार्रवाई चाहिए : लैलूँगा में कबाड़ी की आड़ में पनप रहा अपराध अब और नहीं सहा जाएगा। यह सिर्फ चोरी नहीं, आम जनता की अस्मिता पर हमला है। और इस बार जवाब जनता मांगेगी – सड़कों पर, थानों में और खबरों में।

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