बालोद

खदान से निकले हुए मजबूत लोहे को भी फीका साबित करने में तूला चमड़े का पट्टा….?

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के दल्ली राजहरा में अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं है। न जाने डौंडीलोहारा विधानसभा से साहब क्या रिश्ता है कि ये यहां से इधर उधर जाना ही नहीं चाहते हैं। लिहाजा “हुजूर ए आला भूल सिंह पट्टा वी” मतलब स्पष्ट है कि घूमफिर कर वापिस विधानसभा के किसी न किसी थाने में अपना तबादला करवा ही लेते है। अब मन चाही जगह पर तबादला यूं तो हर बार नहीं हो सकता है? चाहे उसके लिए कितनी भी जहमत ही क्यों न उठाने पड़ जाए, जबकि सूत्रों की माने तो साहब का इलाके के टुच्चे, लफंगों और अवैध कारोबारियों से निजी प्रेम संबंध है। अब इस प्रेम को हमारे सुधी पाठक नजायज संबंध न समझे यह तो साहब की महेरबानी है। हालांकि इस तथ्य में कितनी सच्चाई है ये हम नहीं जानते हैं, लेकिन बारम्बार डौंडीलोहारा के किसी न किसी थाने में दल बल सहित कूच करना हमारी दो कौड़ी की खोपड़ी के पल्ले नहीं पड़ती। अब सच्चाई तो साहब जाने या उनके सरपरस्त।

हाल के दिनो मे जानकारी प्राप्त हुई है कि जिले में खुद्दार व ईमानदार पुलिस कप्तान की आमद से साहब की भौंहे तन गई है और माथे पर शिकन आ गई है। लिहाजा उनके सामने अपनी खराब हैसियत को ऊंची करने हेतू पकड़ पकड़कर अपने ही पाले हुए छपरियों को गिरफ्तार कर, थाने के रजिस्टर में काली स्याही पोती जा रही है और केस बनाए जा रहे है। अब आगे देखना होगा कि रजिस्टर में काली स्याही पोती जा रही है या खून सा सुर्ख लाल रंग? डौंडीलोहारा विधानसभा से प्रेम का संबंध तो हमारे समझ नहीं आता लेकिन पान की दुकानों और चाय की टपरियों में लोगों के बीच इसी मुतल्लिक कई बाते चलती रहती है।

अब आगे देखना होगा कि बालोद पुलिस अधीक्षक योगेश कुमार पटेल जिले के विभिन्न पुलिस थानों में क्या जरूरी फेरबदल करते है या पुराने पजामे पर ही इनकी परेड करवाते है? आपको बता दें कि बालोद जिले में नये पुलिस अधीक्षक के आमद से ही अपराध और अपराधिक गतिविधियों में ताबड़तोड़ कार्यवाही के ढिंढोरे पीटे जा रहे थे, लेकिन इस गाजे बाजे के साथ पिटे गए ढिंढोरा के बाद भी राजहरा शहर के अंदर जगह जगह शराबियों को खुलेआम शराब पीते हुए देखा जा सकता है वही गांजा की पुड़िया शहर में आम बात बन चुकी है। इन तमाम अपराधिक गतिविधियों को देखकर राजहरा नगरवासियों को महसूस हो रहा कि राजहरा शहर के आसमान में पुलिस नाम की कोई चिड़िया उड़ती ही नहीं है। वहीं शहर में प्रमुख विपक्षी पार्टी भी थानेदार के नाम के आगे चुप्पी साधे हुए है जो बार बार किसी और तरफ इशारा करता है।

वहीं शहर के जानकार लोग कहते है कि कांग्रेस का राज चला गया अब वक्त के साथ राजनीतिक दोस्ती और दुश्मनी भी बदल जाती है। जो अफसर पहले कांग्रेसी मैडम के आगे पीछे नाचा करते थे वे आज भाजपा के कसीदे पढ़ रहे है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुंडा प्रवृत्ति के “काली टोपी वाले छपरी” ने साहब को शहर में लाने की जहमत फरमाई है क्योंकि आईपीएल के करोड़ों के कार्यक्रम में “सेफ जोन” का बनना बेहद जरूरी था। बता दे कि इसकी हमने पहले भी खबर लगाई थी। बावजूद इसके साहब को शहर में तैनात कर दिया गया। आपको बता दें कि शहर में जगह जगह अवैध शराब बिक रही है। सूत्रों की माने तो पुराना बाजार क्षेत्र में सट्टे का अवैध कारोबार खुलेआम चल रहा है। नया बस स्टैण्ड में कई होटलों में अवैध शराब खुलेआम बेची जा रही है जिसकी वजह से मद्यप्रेमी बड़े सलीके से खुले आसमान के नीचे जाम टकराए पड़े है। वहीं बस स्टैंड में कुछ जगह पर नगर पालिका ने घुप अंधेरा करवा रखा है जिससे शराब के शौकीनों अंधेरे का फायदा उठाकर अपनी महफिल में मस्त रहे। दूसरी शर्मनाक बात तो यह है कि लाखों रुपए खर्च कर बस स्टैण्ड का चारों ओर घूमने वाला सीसीटीवी कैमरा एक ही जगह पर रुक गया है जिससे कई अवैध गतिविधियों की खबर पुलिस को नहीं मिल पाती है।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग

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