बिलासपुर

“गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी में ‘नमाज कांड’ जवाब में ‘हनुमान चालीसा’, 12 प्रोफेसर बर्खास्त !”…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी में वो हुआ जो शिक्षा के मंदिर में कल्पना से भी परे है। एनएसएस कैंप में हिंदू छात्रों से जबरन नमाज पढ़वाने की कोशिश का मामला सामने आने के बाद पूरा कैंपस धर्म की जंग का अखाड़ा बन गया।

“सेवा” के नाम पर “शरिया” का पाठ? : एनएसएस यानी राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर में छात्रों को सामाजिक सरोकार सिखाने की बजाय धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा था! आरोप है कि शिविर में इस्लामिक धार्मिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया गया, और हिंदू छात्रों को नमाज पढ़ने के लिए बाध्य किया गया।

छात्रों का फट पड़ा सब्र, कैंपस बना रणभूमि : 16 अप्रैल को विश्वविद्यालय परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और अन्य हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया। 6 घंटे का जबरदस्त हनुमान चालीसा का गूंजता पाठ, और कुलपति कार्यालय का घेराव सब कुछ ऐसा मानो कोई धर्मयुद्ध छिड़ गया हो।

प्रशासन की नींद टूटी, भारी कार्रवाई : 

  • NSS समन्वयक प्रोफेसर दिलीप झा को पहले ही हटाया जा चुका था।
  • अब एक ही झटके में 12 विभागों के कार्यक्रम अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

बर्खास्त अधिकारी : प्रीति सतवानी, आशुतोष नायक, गीता मिश्रा, मधुलिका सिंह, ज्योति वर्मा, नीरज कुमार, विकास चंद, प्रमोद द्विवेदी, अश्वलेश्वर श्रीवास्तव, प्रशांत वैष्णव, सूर्यभान सिंह, वसंत कुमार ये सभी अब NSS से बाहर।

क्या यूनिवर्सिटी में धर्मांतरण की प्रयोगशाला चल रही थी?

छात्र संगठनों ने कोनी थाने में धार्मिकता थोपने और जबरन मजहबी क्रियाओं को बढ़ावा देने की लिखित शिकायत भी दी है।
अब सवाल उठता है –

  • NSS का इस्तेमाल धार्मिक एजेंडे के लिए कब से होने लगा?
  • क्या यूनिवर्सिटी का कैंपस अब ‘धर्म की प्रयोगशाला’ बनता जा रहा है?

जनता की आवाज-दोषियों पर मामला दर्ज हो, गिरफ्तारी हो : छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि इस्लामी कट्टरता फैलाने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो। केवल हटाना काफी नहीं  गिरफ्तारी हो, जांच हो और सच्चाई सामने आए।

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