रायगढ़

तमनार : कोयला घोटाले में जिंदल पावर की बड़ी चालबाजी बेनकाब ! 3.62 करोड़ की पेनाल्टी, हाईकोर्ट ने भी दिया बड़ा झटका…

रायगढ़। कोयला घोटाले का बड़ा खेल उजागर! जिंदल पावर लिमिटेड (जेपीएल) ने सरकारी लीज की हदें तोड़कर बेखौफ होकर कोयला खनन किया, लेकिन इस बार प्रशासन की सख्त कार्रवाई ने कंपनी के मंसूबों पर पानी फेर दिया। 3.62 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगने के बाद भी जेपीएल ने चालबाजी की, मगर हाईकोर्ट ने भी झटका दे दिया और पूरी रकम भरने का आदेश सुना दिया।

कैसे पकड़ा गया घोटाला? : खनिज विभाग ने जब केएमएल फाइल्स और सैटेलाइट मैप का गहराई से अध्ययन किया, तो हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई ! जेपीएल ने तय सीमा लांघकर डेढ़ हेक्टेयर जमीन पर अवैध खनन किया और 30 हजार टन कोयला उड़ा लिया। जैसे ही यह खुलासा हुआ, राज्य सरकार ने तत्काल एक्शन लेने का आदेश दिया। खनिज विभाग ने 27 फरवरी और 18 मार्च को तीन दिन के भीतर जुर्माना चुकाने के नोटिस भेजे, लेकिन जेपीएल अपना अड़ियल रुख अपनाए रहा था। आखिरकार, खनिज विभाग ने कंपनी के खदान से कोयले की निकासी पर रोक लगा दी और खनिज ऑनलाइन पोर्टल को ब्लॉक कर दिया, जिससे कोयले की ट्रांसपोर्टिंग ठप हो गई।

हाईकोर्ट में भी नहीं बच सकी कंपनी : जेपीएल ने सरकार के आदेश को दरकिनार कर, नया माइनिंग प्लान तैयार करवाने और राजनीतिक दबाव बनाने के हर दांव आजमाए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरी दांव के तौर पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, मगर वहां भी राहत नहीं मिली। 25 मार्च को हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया-“पहले पूरी पेनाल्टी भरो, तभी खनन शुरू कर सकोगे।” जेपीएल को आखिरकार 3.62 करोड़ रुपये चुकाने पड़े, जिसके बाद ही खदान से कोयला डिस्पैच की अनुमति मिली।

कलेक्टर की सख्ती से कंपनियों में हड़कंप : जेपीएल ने इस मामले को राजनीतिक मोड़ देने की पूरी कोशिश की और कई बड़े अधिकारियों व मंत्रियों से सिफारिशें लगवाईं। लेकिन कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने कोई समझौता नहीं किया और कड़ी जांच के बाद जुर्माना मंजूर किया। अब जुर्माने की रकम भरने के बाद जेपीएल ने खनन तो फिर शुरू कर दिया, लेकिन इस कार्रवाई ने पूरे उद्योग जगत को हिलाकर रख दिया है। सरकार का साफ संदेश है – नियम तोड़ने वालों पर अब सीधी और कड़ी कार्रवाई होगी।

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