छत्तीसगढ़

धरमजयगढ़ : दिव्यांगों के हक पर डाका, डॉक्टर की मनमानी से सैकड़ों लाभार्थी परेशान…

धरमजयगढ़। सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को शासकीय योजनाओं का पूरा लाभ देने के उद्देश्य से प्रमाण पत्र शिविरों का आयोजन किया जाता है, लेकिन धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल में लगे दिव्यांग शिविर में डॉक्टरों की मनमानी और लापरवाही ने इस पूरी प्रक्रिया को मजाक बना दिया है।

शिविर में पहुंचे दिव्यांगजन अपना प्रमाण पत्र बनवाने और नवीनीकरण कराने आए, लेकिन यहां मौजूद अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पटेल द्वारा मनमाने तरीके से दिव्यांगता का प्रतिशत घटाया जाने की खबरें सामने आ रही है। जहाँ कई ऐसे मामले सामने आए, जहां पहले से बने प्रमाण पत्र में चार-चार डॉक्टरों के हस्ताक्षर होने के बावजूद, डॉक्टर पटेल ने उसे गलत करार देते हुए दिव्यांगता का प्रतिशत घटा दिया।

मनमानी से वंचित हो रहे सरकारी लाभ से : दिव्यांगजन, जिनका पहले से 60% या अधिक का प्रमाण पत्र था, उन्हें अब 40% या उससे भी कम का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। यह बदलाव उनके लिए शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में बड़ी रुकावट खड़ी कर सकता है।

क्या यह दिव्यांगों के साथ भद्दा मजाक नहीं : शिविर में आए लोग लगातार विरोध जता रहे हैं, लेकिन डॉक्टर अपनी मनमानी पर अड़े हुए हैं। जहाँ सवाल उठना लाजमी है कि एक ही मेडिकल बोर्ड से जारी प्रमाण पत्र को अब गलत ठहराने का अधिकार डॉक्टर पटेल को किसने दिया? क्या यह सरकार की मंशा के खिलाफ जाकर दिव्यांगों के अधिकार छीनने की साजिश है?

प्रशासन कब लेगा संज्ञान : इस गंभीर मुद्दे पर अभी तक कोई प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं हुआ है। दिव्यांगजन अपने हक की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं, लेकिन उनकी आवाज अनसुनी की जा रही है। यह जरूरी है कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले का तत्काल संज्ञान लें और दोषी डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में किसी भी दिव्यांग के साथ अन्याय न हो।

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