रायपुर

उच्च शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला : बिना चले सरकारी गाड़ी ने गटक लिए 6 लाख, बाबू ने 18.55 लाख का किया गबन…

रायपुर। छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का एक और बड़ा मामला सामने आया है। सरकारी गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के नाम पर लाखों रुपए का गबन किया गया, जिसके चलते सहायक ग्रेड-02 के बाबू आकाश श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आयुक्त जनक प्रसाद पाठक द्वारा जारी आदेश में यह कार्रवाई की गई है।

कैसे हुआ यह घोटाला? : जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है—बिना चले ही सरकारी गाड़ी ने छह महीने में छह लाख रुपए का पेट्रोल पी लिया! बाबू आकाश श्रीवास्तव ने सुनियोजित तरीके से गबन करते हुए विभागीय वित्तीय नियमों की धज्जियां उड़ा दीं।

इसके अलावा, चार फर्जी कर्मचारियों के नाम पर हर महीने वेतन जारी किया गया, जिनकी नियुक्ति कभी हुई ही नहीं! ये फर्जीवाड़ा देवकुमार वर्मा, अजय टंडन, भूपेंद्र वर्मा और खिलावन जोशी के नाम पर किया गया था।

18.55 लाख का गबन, नियमों की खुली अनदेखी : शिकायतों के आधार पर जब जांच कराई गई, तो सामने आया कि आकाश श्रीवास्तव लंबे समय से बिना काम किए वेतन ले रहा था। वह पिछले एक साल से ‘वर्क फ्रॉम होम’ के नाम पर कार्यालय से नदारद था और वित्तीय गड़बड़ियों को अंजाम दे रहा था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, उसने कुल 18,55,289 रुपए का गबन किया है।

सख्त कार्रवाई, तत्काल निलंबन : आदेश के अनुसार, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन करने के कारण आकाश श्रीवास्तव को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उसका मुख्यालय उच्च शिक्षा संचालनालय, नवा रायपुर रहेगा। इस दौरान, नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।

अब तक सिर्फ एक बाबू पर गाज, बाकी दोषियों पर कब होगी कार्रवाई? : इस घोटाले में क्या केवल एक बाबू ही जिम्मेदार है, या फिर इसमें बड़े अधिकारी भी शामिल हैं? सवाल यह भी उठता है कि अगर गाड़ी बिना चले 6 लाख का पेट्रोल पी सकती है, तो क्या विभाग के अन्य अधिकारी इस गड़बड़ी से अनजान थे?

सरकार के वित्तीय तंत्र की यह गंभीर चूक भ्रष्टाचार पर प्रशासन की निगरानी की पोल खोलती है। अब देखना होगा कि इस मामले में और कितने बड़े नाम सामने आते हैं और क्या अन्य दोषियों पर भी गाज गिरेगी या नहीं!

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