बिलासपुर निगम का ढोल-ताशा वसूली अभियान : बकायादारों में मचा हड़कंप, वहीं जनता ने उठाए सवाल…

बिलासपुर। नगर निगम बिलासपुर ने बकाया टैक्स वसूली के लिए अनोखा तरीका अपनाते हुए ढोल-ताशे के साथ बकायादारों को जगाने की पहल की। बुधवार शाम जब निगम के कर्मचारी मार्केट और मोहल्लों में ढोल-ताशा बजाते हुए निकले, तो लोगों को लगा कि यह होली पर्व की कोई तैयारी है। लेकिन जब निगम कर्मियों ने बकायादारों के घर और दुकानों के सामने जाकर टैक्स भरने की चेतावनी देते हुए ढोल-ताशा बजाना शुरू किया, तो माहौल पूरी तरह बदल गया।
इस अभियान का असर भी दिखा, निगम कर्मियों ने महज कुछ घंटों में 1.75 लाख रुपए से अधिक का टैक्स वसूल कर लिया। निगम अधिकारियों के मुताबिक, यह अभियान नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देश पर शुरू किया गया है, ताकि वर्षों से टैक्स न चुकाने वाले बकायादारों को जागरूक किया जा सके और राजस्व की वसूली तेजी से हो सके।
शहर की जनता ने निगम पर उठाए सवाल : हालांकि, इस अनोखे अभियान पर शहर में विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। कुछ समाजसेवियों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब नगर निगम खुद शहर की मूलभूत सुविधाओं को लेकर लापरवाह है, तो फिर जनता से जबरन टैक्स वसूलने का यह तरीका कितना जायज है?
लोगों का कहना है कि शहर की सड़कों पर गड्ढे, गलियों में गंदगी, बजबजाती नालियां और जलभराव जैसी समस्याओं पर नगर निगम ध्यान नहीं देता, लेकिन टैक्स वसूलने के लिए ढोल-ताशा बजा रहा है। एक स्थानीय निवासी ने तंज कसते हुए कहा, “अगर जनता भी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए निगम कमिश्नर के घर के सामने ढोल-ताशा बजाने लगे, तो फिर निगम क्या करेगा?”
क्या मंत्री बंगले तक पहुंचेगा यह विरोध? : नगर निगम की इस कार्रवाई के विरोध में कई लोगों ने यहां तक कहा कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो जनता किसी दिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और निकाय मंत्री अरुण साव के बंगले के सामने भी ढोल-ताशा बजाने पहुंच सकती है।
शहर के नागरिकों की मांग है कि निगम टैक्स वसूली से पहले अपने दायित्वों को भी गंभीरता से निभाए। जब तक शहर की सफाई व्यवस्था, जल निकासी और सड़कों की स्थिति सुधरती नहीं, तब तक ऐसे अभियानों को लेकर जनता में आक्रोश बना रहेगा।
क्या बोले निगम अधिकारी? : नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि पिछले छह महीनों से राजस्व वसूली के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसका असर अब दिखने लगा है। कई सालों से टैक्स न भरने वाले लोग अब खुद आगे आकर टैक्स जमा कर रहे हैं।
हालांकि, निगम को यह भी समझना होगा कि सिर्फ राजस्व वसूली से शहर की व्यवस्था नहीं चल सकती। जनता को बुनियादी सुविधाएं देना भी नगर निगम की ही जिम्मेदारी है। अगर निगम प्रशासन ने जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया, तो ढोल-ताशे की गूंज कहीं उनके खिलाफ न बजने लगे!