रायगढ़

चंद्रशेखरपुर के नव-निर्वाचित सरपंच और उपसरपंच ने सड़क मरम्मत के लिए खोला मोर्चा, 72 घंटे का अल्टीमेटम जारी…

• छाल क्षेत्र की जनता को राहत दिलाने के लिए निर्णायक कदम, आंदोलन की चेतावनी के साथ प्रशासन पर दबाव…

रायगढ़। जिलान्तर्गत धरमजयगढ़ तहसील के छाल क्षेत्र में सड़क की बदहाल स्थिति से जूझ रही जनता के लिए उम्मीद की किरण तब जगी, जब चंद्रशेखरपुर ग्राम पंचायत के नव-निर्वाचित सरपंच प्रतिनिधि और उपसरपंच ने सड़क मरम्मत के लिए कमर कस ली। उन्होंने एडु से छाल तक की जर्जर सड़क की मरम्मत के लिए प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम जारी किया है, साथ ही चेतावनी दी है कि यदि इस अवधि में कार्य प्रारंभ नहीं हुआ, तो वे जन आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।

सड़क की दुर्दशा से आर्थिक संरचना पर प्रभाव : एडु से छाल तक की सड़क की खस्ता हालत ने चंद्रशेखरपुर और खेदापाली गांवों की आर्थिक संरचना को बुरी तरह प्रभावित किया है। एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) द्वारा प्रतिदिन हजारों टन कोयला इस मार्ग से परिवहन किया जाता है, लेकिन सड़क की मरम्मत की जिम्मेदारी को लेकर एसईसीएल प्रबंधन और पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी है। इस खींचतान का खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है, जिनका दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है।

पूर्व में भी हुए आंदोलन, लेकिन परिणाम शून्य : इससे पहले भी सड़क मरम्मत के लिए कई आंदोलन किए गए, लेकिन आचार संहिता का हवाला देकर कार्य रोक दिया गया। इस बार चंद्रशेखरपुर के सरपंच प्रतिनिधि, उपसरपंच और पंचगण ने अनुविभागीय अधिकारी धरमजयगढ़ को तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि 72 घंटे में सड़क मरम्मत का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ, तो ग्रामवासी मिलकर जमीनी स्तर पर संघर्ष करेंगे।

जनता की उम्मीदें और प्रशासन की जिम्मेदारी : छाल क्षेत्र की जनता को अब नव-निर्वाचित सरपंच और उपसरपंच से बड़ी उम्मीदें हैं। प्रशासन के लिए यह समय है कि वह जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करे, ताकि क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके। यदि प्रशासन समय रहते कदम नहीं उठाता, तो जन आंदोलन की चिंगारी भड़क सकती है, जो व्यापक रूप से प्रभाव डाल सकती है।

*यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस अल्टीमेटम पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्षेत्र की जनता को कब तक इस समस्या से निजात मिलती है।*

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