रायगढ़

बारूद पर बैठा प्रशासन : घरघोड़ा में विस्फोटक कंपनी के डायवर्सन पर विवाद, SDM की भूमिका संदेहास्पद…

रायगढ़। जिले में उद्योगों की बाढ़ आई है, लेकिन नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए। प्रशासनिक अफसर ही नियमों को ताक पर रखकर कंपनियों को छूट दे रहे हैं। ताजा मामला घरघोड़ा के डोकरबुड़ा गांव का है, जहां ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स कंपनी ने 10 एकड़ जमीन खरीदी और गुपचुप तरीके से नामांतरण और डायवर्सन करा लिया। ग्रामीणों को इसकी भनक तब लगी, जब सब कुछ कागजों में फाइनल हो चुका था। इसको लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन देकर SDM घरघोड़ा रमेश मोर पर कार्रवाई की मांग की

SDM ने नियमों की अनदेखी कर दिया डायवर्सन : डोकरबुड़ा गांव पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में आता है, जहां ग्रामसभा की सहमति के बिना कोई उद्योग स्थापित नहीं किया जा सकता। लेकिन यहां ग्रामसभा की आपत्ति को दरकिनार कर जमीन का डायवर्सन कर दिया गया25 अक्टूबर 2024 को SDM ने ईश्तहार जारी किया था, लेकिन ग्रामीणों द्वारा दी गई आपत्तियों को औपचारिक रूप से दर्ज ही नहीं किया गया

ग्रामसभा में 10 नवंबर 2024 को सर्वसम्मति से फैक्ट्री के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बावजूद SDM ने कंपनी के पक्ष में निर्णय दिया। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका आरोप है कि SDM की भूमिका संदिग्ध है और यह पूरा मामला दलाली व साठगांठ की ओर इशारा कर रहा है

“फर्जी जनसुनवाई” और जंगल की कटाई का आरोप : ब्लैक डायमंड कंपनी का विवाद पहले भी सामने आ चुका है। इसने रायगढ़ ब्लॉक के बंगुरसिया और चक्रधरपुर गांव में भी जमीन खरीदने की कोशिश की थी और फर्जी जनसुनवाई कराई थी। डोकरबुड़ा में भी गुपचुप तरीके से जमीन खरीदकर डायवर्सन करा लिया। ग्रामीणों का कहना है कि यहां घना जंगल है, जिसे काटा जा रहा है

उग्र आंदोलन की चेतावनी : ग्रामीणों ने डायवर्सन को निरस्त करने और SDM पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग भी उठाई है। अगर प्रशासन ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो ग्रामीण बड़ा आंदोलन करने विवश होंगे।

SDM के ट्रांसफर और बारूद खदान का कनेक्शन? : इस पूरे विवाद के बीच SDM रमेश मोर का ट्रांसफर भी चर्चा में है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह मामला किसी बड़े खेल का हिस्सा है? क्या प्रशासनिक स्तर पर कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रखा जा रहा है? अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?

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