ब्रेकिंग रायपुर : भूपेश बघेल के घर ED की दबिश, छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा धमाका हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने सोमवार सुबह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित पदुमनगर आवास पर छापेमारी की है। ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान चरम पर है। बताया जा रहा है कि ईडी की चार गाड़ियों का काफिला सुबह-सुबह बघेल के आवास पर पहुंचा और पूरे घर को घेरे में लेकर तलाशी शुरू कर दी।
ईडी की टीम ने केवल भूपेश बघेल ही नहीं, बल्कि उनके बेटे चैतन्य बघेल के घर पर भी छापेमारी की है। इस दौरान अधिकारियों की दो टीमें उनके निवास पर पहुंचीं और गहन जांच-पड़ताल शुरू कर दी। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह कार्रवाई किस विशेष मामले से जुड़ी हुई है, लेकिन कहा जा रहा है कि यह जांच शराब घोटाला, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा एप से संबंधित हो सकती है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कई नेता ईडी के रडार पर : गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई बड़े नेता पहले से ही ईडी के निशाने पर हैं। हाल के महीनों में कई नेताओं और अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है। महादेव सट्टा और कोयला घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम पहले भी उछला था, जिसके बाद से उन पर कार्रवाई की आशंका जताई जा रही थी।
शराब घोटाले से महादेव एप तक-क्या है ईडी की कार्रवाई का कारण? : सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने इस छापेमारी को लेकर आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि शराब घोटाला, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा एप मामले में यह कार्रवाई की गई है।
- शराब घोटाला: छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपये के शराब घोटाले को लेकर ईडी पहले ही कई अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ जांच कर रही है। इस घोटाले में सरकारी स्तर पर गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं।
- कोयला घोटाला: छत्तीसगढ़ में कोयला व्यापार में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में भी ईडी की जांच जारी है।
- महादेव सट्टा एप: ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े इस मामले में ईडी पहले ही कई गिरफ्तारियां कर चुकी है। आरोप है कि इस एप से काले धन का लेनदेन किया गया और इसमें कई राजनीतिक हस्तियों की संलिप्तता रही है।
क्या यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई? कांग्रेस ने उठाए सवाल : ईडी की इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल आ गया है। कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार कांग्रेस के बड़े नेताओं को फंसाने की साजिश रच रही है और ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है।
वहीं, भाजपा ने इस छापेमारी को भ्रष्टाचार के खिलाफ जरूरी कदम बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि “अगर किसी ने भ्रष्टाचार किया है, तो जांच एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाना चाहिए।”
इस छापेमारी के बाद राजनीतिक माहौल और गर्माने की संभावना है। ईडी की जांच के नतीजे क्या होंगे, यह आने वाले दिनों में साफ होगा। लेकिन एक बात तय है-छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच चुकी है और आने वाले दिनों में बड़े खुलासे हो सकते हैं।