बिलासपुर : प्रधान पाठक का 16 दिन बाद खबर का खंडन : कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं ?…

बिलासपुर। शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिरगिट्टी (विकासखंड बिल्हा) में बच्चों से गड्ढा खुदवाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। यह मामला 19 फरवरी को उस समय सामने आया, जब कुछ पत्रकारों ने प्रमाण सहित खबर चलाई, जिसमें बच्चे गड्ढा खोदते नजर आए थे। इसके बावजूद, 16 दिनों तक चुप्पी साधे प्रधान पाठक ने अब मीडिया के सामने सफाई पेश की है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि जब प्रमाण सहित खबर प्रसारित की गई थी, तो प्रधान पाठक ने तुरंत खंडन क्यों नहीं किया? आखिर पूरे 16 दिन क्यों लगे सफाई देने में? अगर उनकी दलीलें सही थीं, तो घटना के तुरंत बाद ही वह अपनी बात क्यों नहीं रख पाए?
यूट्यूब चैनलों को चमचम बर्फी खिलाने का आरोप : मीडिया सूत्रों के अनुसार, प्रधान पाठक का भाई भी पत्रकारिता से जुड़ा है, और अब यह खबर सामने आ रही है कि प्रधान पाठक ने कुछ यूट्यूब चैनलों को अपने पक्ष में खबर चलाने के लिए चमचम बर्फी खिलाई। यदि इस आरोप में सच्चाई है, तो यह पत्रकारिता के लिए बेहद चिंताजनक स्थिति है। मामले को मोड़ देने के लिए कुछ यूट्यूब चैनलों पर एक वीडियो चलाया जा रहा है, जिसमें पत्रकारों को बदनाम करने की कोशिश की गई। जब पत्रकारों ने इस वीडियो पर कमेंट किया, तो एक महिला पत्रकार ने थाने में शिकायत करने की धमकी दे डाली। आखिर, सच पर सवाल उठाने वालों को धमकी देने की जरूरत क्यों पड़ी?
क्या यह जांच को प्रभावित करने की कोशिश है? : गौरतलब है कि इस मामले की अभी जांच जारी है। ऐसे में प्रधान पाठक द्वारा मीडिया को बयान देना और पत्रकारों को कटघरे में खड़ा करना क्या जांच को प्रभावित करने की कोशिश नहीं है? यदि प्रधान पाठक की सफाई में दम है, तो उसे सबूतों के साथ पेश किया जाना चाहिए। लेकिन खबर प्रसारित होने के 16 दिन बाद सफाई देना, यूट्यूब चैनलों को पक्ष में करने की कोशिश करना और पत्रकारों पर दबाव बनाना—कहीं न कहीं इस पूरे मामले को संदेह के घेरे में ला रहा है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और जांच एजेंसियां इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती हैं और क्या निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो पाएगी?