रायपुर

रायपुर : नवनियुक्त महापौर के बेटे ने सड़क पर काटा केक, मीनल चौबे ने मांगी माफी – पूर्व विधायक बोले, ‘नियम सबके लिए बराबर’…

रायपुर। शहर में सार्वजनिक स्थानों पर केक काटने को लेकर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। हाल ही में कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं पर इसी वजह से कार्रवाई की गई थी, और अब खुद महापौर मीनल चौबे के बेटे मेहुल चौबे का सड़क पर केक काटने का वीडियो वायरल हो गया है। इस वीडियो ने विवाद को जन्म दे दिया है और अब इस मामले में कार्रवाई की मांग भी उठने लगी है।

महापौर ने स्वीकार की गलती, मांगी माफी : महापौर मीनल चौबे ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैंने वीडियो देखा है, यह मेरे घर के सामने का ही है। मेरे बेटे का जन्मदिन था और उसने सड़क पर केक काटा। मुझे आज सुबह ही जानकारी मिली कि हाईकोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर केक काटने पर रोक लगाई है। यह गलती हुई है और मैंने अपने बेटे को समझाया है कि अब से ऐसी गलती न हो।”

इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन का सम्मान करते हुए कहा, “अगर मेरे या मेरे परिवार से किसी को कोई असुविधा हुई है तो मैं क्षमा मांगती हूं। बच्चों को यह समझना चाहिए कि केक घर के अंदर ही काटना चाहिए, सड़क पर नहीं। मैं भरोसा दिलाती हूं कि आगे से ऐसा दोबारा नहीं होगा।”

पूर्व विधायक ने कार्रवाई की मांग की, बोले – ‘नियम सबके लिए समान’ : इस मामले पर पूर्व कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कुछ दिनों पहले यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर सड़क पर केक काटने के लिए कड़ी कार्रवाई हुई थी। यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष समेत 10 कार्यकर्ताओं को जेल भेजा गया था। यदि कानून का पालन करना है तो यह सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए। राजा हो या रंक, नियम सबके लिए बराबर होते हैं।”

सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल : इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है। कई यूजर्स प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई हुई थी, तो इस मामले में भी वैसा ही होना चाहिए। वहीं, कुछ लोग महापौर की माफी को पर्याप्त मानते हुए इसे अनजाने में हुई गलती करार दे रहे हैं।

कानूनी कार्रवाई की दिशा में नजरें टिकीं : अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तरह महापौर के बेटे के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी या मामला सिर्फ माफी तक ही सीमित रहेगा? यह सवाल अब शहर की जनता और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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