बालोद : स्कूल के बाहर अपमानित कर कराया होमवर्क, छात्र ने दी जान- न्याय की गुहार, बढ़ा बवाल…
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बालोद : शिक्षा के मंदिर में छात्र की बेइज्जती और प्रताड़ना का ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे जिले को झकझोर दिया है। बालोद जिले के ब्लेज अकादमी में पढ़ने वाले आठवीं कक्षा के छात्र सैयद तौसीफ की आत्महत्या से गुस्साए लोग सड़कों पर उतर आए हैं। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों की प्रताड़ना से आहत होकर छात्र ने यह कदम उठाया। घटना के बाद युवा कांग्रेस ने स्कूल के सामने प्रदर्शन कर न्याय की मांग की है।
स्कूल में बेइज्जती, घर पहुंचकर मौत : परिजनों और प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि तौसीफ को होमवर्क न करने की सजा के रूप में स्कूल के बाहर बैठा दिया गया। यह न सिर्फ मानसिक प्रताड़ना थी बल्कि एक मासूम की आत्मा पर गहरा आघात था। स्कूल प्रबंधन ने इस शर्मनाक घटना को यह कहकर टालने की कोशिश की कि “बच्चे को सिर्फ बाहर बैठाकर होमवर्क करने के लिए कहा गया था”, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इस तरह की सार्वजनिक बेइज्जती किसी छात्र के आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुंचाती?
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गुस्से में युवा कांग्रेस-15 दिन का अल्टीमेटम : बालोद युवा कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत बोकडे के नेतृत्व में छात्रों और स्थानीय नागरिकों ने स्कूल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा, “जब एक छात्र आत्महत्या करता है और शिक्षकों पर प्रताड़ना के आरोप लगते हैं, तो स्कूल प्रबंधन और पुलिस चुप क्यों हैं? आखिर अब तक किसी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?”
युवा कांग्रेस ने साफ चेतावनी दी है कि “अगर 15 दिनों में न्याय नहीं मिला, तो स्कूल में ताला जड़ दिया जाएगा!”
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प्रशासन की चुप्पी पर सवाल : अब तक न स्कूल प्रबंधन ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की, न ही पुलिस ने कोई सख्त कदम उठाया। एक मासूम छात्र की जान चली गई और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं! परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, लेकिन स्कूल प्रशासन की बेरुखी और शिक्षा विभाग की चुप्पी ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है।
क्या मिलेगा न्याय? या फिर दब जाएगा मामला? यह मामला सिर्फ एक छात्र की आत्महत्या का नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। क्या स्कूलों में बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का यह सिलसिला जारी रहेगा? क्या दोषियों को सजा मिलेगी या फिर यह मामला भी बाकी घटनाओं की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है या फिर जनता को ही सड़कों पर उतरकर न्याय की लड़ाई लड़नी पड़ेगी!