रायपुर

साइबर ठगी का महाकांड ! रायपुर से 1800 करोड़ की लूट, 5000 फर्जी खाते, 98 गिरफ्तार…

रायपुर। झारखंड के जामताड़ा के बाद अब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर साइबर ठगों का नया अड्डा बन चुका है। पुलिस जांच में एक बड़े साइबर घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें 5000 से अधिक म्यूल बैंक खातों के जरिए 1800 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया गया है। यह खुलासा न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि साइबर अपराधियों ने किस तरह रायपुर को ठगी का केंद्र बना लिया है।

साइबर ठगों का सुनियोजित खेल : पैसों के लालच में फंसे लोग! साइबर अपराधियों ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत भोले-भाले लोगों को पैसों का लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाए और उन्हें ठगी के लिए इस्तेमाल किया। बदले में कुछ को एकमुश्त राशि, तो कुछ को हर महीने 10-12 हजार रुपये का कमीशन दिया गया। इन खातों के जरिए अपराधियों ने अरबों रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया।

पुलिस का बड़ा ऐक्शन : 2000 खाते बंद, 98 गिरफ्तार : जांच में सामने आया कि रायपुर में ठगों ने फर्जी सिम कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर ठगी को अंजाम दिया। पुलिस ने अब तक 2000 म्यूल खाते बंद कर दिए हैं और 3000 संदिग्ध खातों की जांच जारी है। मामले में 98 ठगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई बैंक भी जांच के घेरे में हैं।

फर्जी सिम कार्ड से ठगी का जाल : एक साल में 11,000 सिम कार्ड जब्त : साइबर अपराधियों ने फर्जी सिम कार्ड का जाल बिछाकर लाखों लोगों को निशाना बनाया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि पिछले एक साल में 11,000 से ज्यादा फर्जी सिम कार्डों का इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया। ठग इन सिम कार्ड्स का उपयोग फर्जी बैंक खाते खोलने और ऑनलाइन फ्रॉड करने के लिए कर रहे थे।

बैंक भी शक के घेरे में, पुलिस की सख्ती जारी! साइबर ठगों का नेटवर्क इतना संगठित था कि बैंक खातों के जरिए ठगी की रकम अलग-अलग जगह ट्रांसफर कर उसे ठिकाने लगाया जा रहा था। पुलिस ने बैंकों से 20-20 खातों का रिकॉर्ड मांगा है और संदिग्ध लेन-देन की जांच जारी है।

रायपुर रेंज के आईजी ने साफ कहा कि, “हम साइबर ठगों के खिलाफ पूरी ताकत से ऐक्शन ले रहे हैं। अब तक 2000 म्यूल खाते बंद किए जा चुके हैं और 98 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ठगी के पैसों की ट्रांजैक्शन ट्रैक की जा रही है और जल्द ही इस गैंग के सरगना भी शिकंजे में होंगे।”

सतर्क रहें, जागरूक बनें! छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी का यह खुलासा एक गंभीर चेतावनी है कि अगर हम सतर्क नहीं रहे, तो कोई भी इसका शिकार हो सकता है। आम जनता से अपील है कि अपने बैंक खाते, मोबाइल नंबर और दस्तावेज अजनबियों को न सौंपें। किसी भी संदिग्ध लेन-देन की सूचना तुरंत पुलिस या साइबर सेल को दें।

डिजिटल युग में सावधानी ही सुरक्षा है, वरना अगला शिकार आप भी हो सकते हैं!

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