प्रयागराज महाकुंभ में “कुंभ की कहानी नृत्य की जुबानी” का शानदार प्रदर्शन
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फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
रायपुर/दुर्ग। प्रयागराज : 2025 के महाकुंभ में सांस्कृतिक संध्या के दौरान “कुंभ की कहानी नृत्य की जुबानी” शीर्षक से नृत्य नाटिका का प्रस्तुति देने वाली डॉ. संगीता चौबे और उनके समूह की कला ने दर्शकों का दिल जीत लिया। नवीन शासकीय संगीत महाविद्यालय, दुर्ग के भरतनाट्यम विभाग में कार्यरत अतिथि प्राध्यापक, डॉ. संगीता चौबे ने अपने समूह के साथ इस अद्वितीय प्रस्तुति को कुंभ के बिरसा मुंडा मंच पर पेश किया।
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इस नृत्य नाटिका में कुंभ मेला का आयोजन कैसे हुआ और उसका आध्यात्मिक महत्व क्या है, यह सभी दर्शकों तक नृत्य के माध्यम से पहुँचाया गया। डॉ. संगीता चौबे ने अपनी नृत्य कला में भरतनाट्यम और कथक नृत्य विधाओं का सुंदर समिश्रण किया, जिससे इस प्रस्तुति को एक नयी दिशा और गहरी प्रभावशाली छाप मिली। नृत्य के हर कदम, संगीत की हर ध्वनि और विषय की गहराई ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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कुंभ के महत्व और उसकी ऐतिहासिक शुरुआत को नृत्य के माध्यम से समझाना, दर्शकों को एक आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाने जैसा था। इस नृत्य नाटिका के साथ डॉ. संगीता चौबे ने महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को न केवल नृत्य के माध्यम से, बल्कि भावनाओं और आस्थाओं के साथ अभिव्यक्त किया।
प्रयागराज के महाकुंभ में यह नृत्य नाटिका दर्शकों के बीच बहुत सराही गई। भारत ही नहीं, विदेशों से आए दर्शकों ने इस प्रस्तुति का खुलकर स्वागत किया और तालियों से अपना उत्साह व्यक्त किया। इस अद्भुत कला प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक विभाग ने डॉ. संगीता चौबे को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।
इस शानदार प्रदर्शन में डॉ. संगीता चौबे के साथ डाली उईके, वाणी वर्मा और श्वेता श्रीवास ने भी नृत्य की प्रस्तुति दी, जिन्होंने इस नृत्य नाटिका को और भी प्रभावशाली बना दिया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. ऋचा ठाकुर एवं समस्त महाविद्यालय परिवार ने इस सफल प्रस्तुति के लिए डॉ. संगीता चौबे को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
इस नृत्य नाटिका ने न केवल भारतीय नृत्य कला की संस्कृति को दर्शाया, बल्कि महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। डॉ. संगीता चौबे की नृत्य कला का यह आयोजन एक प्रेरणा बनकर सामने आया है, जो नृत्य के माध्यम से आध्यात्मिकता, संस्कृति और देशभक्ति के सुंदर संगम को प्रस्तुत करता है।