त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : हार का गुस्सा हिंसा में बदला, रायगढ़ और जशपुर में बेकसूर लोग बने शिकार…
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छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों के बाद कई स्थानों पर हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। रायगढ़ और जशपुर में चुनावी हार बर्दाश्त न कर पाने वाले प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने आम लोगों को अपना निशाना बनाया। कहीं घरों में तोड़फोड़ कर लोगों की पिटाई की गई, तो कहीं पारिवारिक विवाद इस हद तक बढ़ गया कि मां ने बेटे-बहू और बेटी को घर से ही बेदखल कर दिया।
रायगढ़ : हार के बाद दबंगों ने मजदूर परिवारों पर किया हमला : पहला मामला रायगढ़ के पुसौर ब्लॉक के गोतमा ग्राम पंचायत का है, जहां सरपंच चुनाव में हार का गुस्सा गरीब मजदूर परिवारों पर निकाला गया। सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ रही एक दबंग परिवार की महिला की हार के बाद उसके समर्थकों ने लाठी-डंडों से हमला बोल दिया।
जानकारी के मुताबिक, ठाकुरपाली और केशापाली के मजदूरी करने वाले करीब 8 परिवारों के घरों पर दबंगों ने रात 9.30 बजे हमला कर दिया। 25 से अधिक लोगों ने मिलकर घरों में तोड़फोड़ की, गाली-गलौज की और पीड़ितों के अनुसार, उन्हें धमकियां भी दी गईं।
पीड़ित परिवारों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में थानेदार रोहित बंजारे ने कहा कि पुलिस जल्द ही जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेगी।
जशपुर : सौतेली मां ने बेटी को घर से निकाला : जशपुर के बगीचा ब्लॉक में भी चुनावी हार के कारण पारिवारिक विवाद का मामला सामने आया। यहां सरपंच पद के लिए खड़ी हुई महिला ने हार के बाद अपनी सौतेली बेटी, बेटे और बहू को घर से निकाल दिया।
दरअसल, ग्राम पंचायत दुर्गापारा में सरपंच चुनाव में फूलकुमारी भगत और उनकी सौतेली बेटी चंद्रमणी भगत आमने-सामने थे। दोनों की आपसी लड़ाई के कारण वोट बंट गए और तीसरा प्रत्याशी चुनाव जीत गया। हार से बौखलाई मां ने बच्चों का सामान बाहर फेंक दिया और उन्हें घर से बेदखल कर दिया। यह मामला अब बगीचा थाना पहुंच चुका है, जहां पुलिस इस विवाद की जांच कर रही है।
बिलासपुर : कांग्रेस नेता पर सरपंच प्रत्याशी के रिश्तेदार को धमकाने का आरोप : बिलासपुर के तोरवा क्षेत्र के लालखदान महमंद गांव में एक और विवादित मामला सामने आया है। यहां कांग्रेस नेता और महमंद के पूर्व उपसरपंच नागेंद्र राय पर आरोप है कि उन्होंने भाजयुमो मंत्री कुलदीप रजक को गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।
कुलदीप रजक की परिवार की सदस्य पूजा विक्की निर्मलकर सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। 20 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले यह धमकी देने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस नेता नागेंद्र राय के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है।
लोकतंत्र की मर्यादा को चुनौती : इन घटनाओं ने लोकतंत्र की मूल भावना पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चुनाव हारने के बाद हिंसा और आपसी कलह की घटनाएं न केवल समाज में डर का माहौल पैदा कर रही हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि सत्ता के लिए कुछ लोग किस हद तक जा सकते हैं। प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।