रायपुर : आईपीएस जीपी सिंह को डीजीपी वेतनमान में पदोन्नति, विवादों और संघर्षों के बाद मिली बड़ी सफलता…
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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी गुरजिन्दर पाल सिंह (जीपी सिंह) को पुलिस महानिदेशक (DGP) वेतनमान में पदोन्नति प्रदान की है। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उन्हें 2 जुलाई 2024 से प्रभावी रूप से भारतीय पुलिस सेवा वेतन नियम, 2016 के तहत वेतन मेट्रिक्स लेवल-16 (₹2,05,400 – ₹2,24,400) में पदोन्नत किया गया है।
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विवादों से संघर्ष तक : जीपी सिंह की वापसी : जीपी सिंह का करियर जितना शानदार रहा है, उतना ही विवादों से भी घिरा रहा। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। जांच एजेंसियों ने उनके परिवार पर भी आरोप लगाए थे, और यह मामला काफी चर्चा में रहा। छापों के दौरान दो किलो सोना बरामद हुआ था, जिसे कथित रूप से एक स्कूटी में छुपाकर रखा गया था। एसीबी का दावा था कि यह अवैध संपत्ति का हिस्सा था।
हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन नहीं किया गया था। कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) ने भी उनके पक्ष में फैसला देते हुए उनकी सेवा बहाल करने का आदेश दिया। इसके बाद, हाल ही में उन्हें एडीजी से डीजी के पद पर पदोन्नति दी गई थी।
एक अनुभवी अधिकारी, जिसने नक्सल प्रभावित इलाकों में रचा इतिहास : जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी सेवा की शुरुआत मध्यप्रदेश कैडर से की थी, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद उन्होंने इस कैडर को चुना। महासमुंद और दंतेवाड़ा में बतौर एसपी उनकी नक्सल विरोधी रणनीतियों ने उन्हें एक कुशल प्रशासक के रूप में स्थापित किया। उनके नेतृत्व में नक्सली आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित हुए और छत्तीसगढ़ पुलिस की रणनीति को एक नया आयाम मिला। अपराध नियंत्रण और पुलिसिंग में उनकी नीतियों को सराहा गया, जिससे सरकार का उन पर भरोसा बढ़ा।
डीजीपी वेतनमान में पदोन्नति का आदेश जारी : डीजीपी स्तर पर एक पद रिक्त था, जिसके लिए विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक में जीपी सिंह की अनुशंसा की गई। अब गृह विभाग ने आधिकारिक रूप से उनके डीजीपी वेतनमान में पदोन्नति का आदेश जारी कर दिया है। गृह (पुलिस) विभाग के विशेष सचिव अमित सिंह द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में उल्लेख किया गया है कि जीपी सिंह को 2 जुलाई 2024 से प्रभावी रूप से पुलिस महानिदेशक वेतनमान (अनुसूची-III, वेतन मेट्रिक्स लेवल-16) में पदोन्नति दी जा रही है।
संघर्षों के बाद मिली बड़ी सफलता : जीपी सिंह की यह पदोन्नति छत्तीसगढ़ पुलिस प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय है। उनके खिलाफ कानूनी चुनौतियां और विवादों के बावजूद, उनकी प्रशासनिक क्षमताओं और अनुभव ने उन्हें इस पद तक पहुंचाया। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि एक अधिकारी की कार्यक्षमता और योग्यता ही अंतिम रूप से मायने रखती है। अब देखना यह होगा कि डीजीपी वेतनमान प्राप्त करने के बाद वे पुलिसिंग के क्षेत्र में किन नई नीतियों को लागू करते हैं और छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था को और कैसे मजबूत करते हैं।