रायगढ़

घरघोड़ा नगर पंचायत चुनाव 2025 : निर्दलीय प्रत्याशी सुरेन्द्र चौधरी (सिल्लू भैया) की ऐतिहासिक जीत! क्या भाजपा सांसद राठिया का 50 लाख का वादा अब भी रहेगा कायम?…

रायगढ़। जिले के घरघोड़ा नगर पंचायत चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सुरेन्द्र चौधरी (सिल्लू भैया) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर भाजपा और कांग्रेस के चुनावी समीकरणों को ध्वस्त कर दिया। यह जीत न केवल उनके जनसेवा के प्रति समर्पण का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जनता अब सिर्फ वादों पर नहीं, बल्कि काम करने वाले नेता को चुन रही है।

(निर्दलीय प्रत्याशी सुरेन्द्र चौधरी की ऐतिहासिक जीत)

भाजपा की रणनीति क्यों हुई फेल ? भाजपा ने इस चुनाव को जीतने के लिए कई बड़े दांव खेले। भाजपा सांसद राधेश्याम राठिया ने चुनाव प्रचार के दौरान घोषणा की थी कि जिस वार्ड में भाजपा अध्यक्ष पद के प्रत्याशी और पार्षद को सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे, वहां सांसद निधि से 50 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। यह बयान भाजपा के लिए गेमचेंजर माना जा रहा था, लेकिन जनता ने इसे प्रलोभन के रूप में देखा और ठुकरा दिया।

इसके अलावा, भाजपा जिलाध्यक्ष अरुणधर दीवान की रणनीति भी कारगर साबित नहीं हुई। भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन घरघोड़ा की जनता ने पार्टी की नीतियों को नकारकर सुरेन्द्र चौधरी (सिल्लू भैया) के पक्ष में मतदान किया। भाजपा के प्रचार अभियान और वादों के बावजूद, उनकी रणनीति वोटरों को आकर्षित करने में विफल रही।

भाजपा को नगर अध्यक्ष का पद क्यों नहीं मिला?

सांसद निधि का वादा उल्टा पड़ा और जनता ने इसे चुनावी प्रलोभन के रूप में देखा।
सुरेन्द्र चौधरी (सिल्लू भैया) की मजबूत जनसंपर्क और जमीन से जुड़ी राजनीति ने भाजपा-कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया।
स्थानीय मुद्दों पर भाजपा-कांग्रेस का ध्यान कम रहा, जबकि सुरेन्द्र चौधरी (सिल्लू भैया) ने हर समस्या का समाधान करने का भरोसा दिलाया।
जनता अब सिर्फ बड़े नामों के बजाय, उन नेताओं को चुन रही है जो उनके साथ हर समय खड़े रहते हैं।

भाजपा के 9 वार्डों में जीत – क्या अब भी मिलेगा 50 लाख? हालांकि भाजपा को अध्यक्ष पद नहीं मिला, लेकिन उसने 9 वार्डों में जीत दर्ज की। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या सांसद राधेश्याम राठिया अपना वादा निभाएंगे? क्या 50 लाख रुपये की घोषणा अब भी लागू होगी या यह केवल एक चुनावी जुमला बनकर रह जाएगी?

घरघोड़ा नगर पंचायत चुनाव: विजयी पार्षदों की सूची :

  • वार्ड 1 बैतल राठिया (निर्दलीय)
  • वार्ड 2 श्याम भोजवानी (भाजपा)
  • वार्ड 3 भोलू उरांव (भाजपा)
  • वार्ड 4 विमला जोल्हे (निर्दलीय)
  • वार्ड 5 अनिल लकड़ा (भाजपा)
  • वार्ड 6 यश सिन्हा (भाजपा)
  • वार्ड 7 संजय डोंडे (कांग्रेस)
  • वार्ड 8 राजकुमारी डनसेना (भाजपा)
  • वार्ड 9 पुरसोत्तम निषाद (भाजपा)
  • वार्ड 10 अमित त्रिपाठी (कांग्रेस)
  • वार्ड 11 मिथलेश शर्मा (कांग्रेस)
  • वार्ड 12 अनुराधा पैंकरा (भाजपा)
  • वार्ड 13 कल्पना शर्मा (भाजपा)
  • वार्ड 14 तिलेश्वर पैंकरा (कांग्रेस)
  • वार्ड 15 राजेश कुमार (भाजपा)

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर सांसद अपने वादे से पीछे हटते हैं, तो यह भाजपा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर सकता है। जनता अब इस बात का इंतजार कर रही है कि क्या यह वादा केवल चुनावी रणनीति थी, या वास्तव में नगर पंचायत के विकास के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे।

(नगर जश्न में डूबा, खुशियों की रंगत हर ओर बिखरी)

सुरेन्द्र चौधरी (सिल्लू भैया) का विजयी संदेश : अपनी शानदार जीत के बाद सुरेन्द्र चौधरी (सिल्लू भैया) ने कहा, “यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि घरघोड़ा की जनता की जीत है। मैं बिना किसी भेदभाव के हर वार्ड का विकास करूंगा। यदि सांसद महोदय अपना वादा निभाते हैं और 50 लाख रुपये की सहायता नगर पंचायत के विकास में लगाते हैं, तो मैं उनका स्वागत करूंगा। लेकिन यदि यह वादा केवल चुनावी था, तो जनता को यह जानने का अधिकार है।”

जनता ने दिया साफ संदेश : घरघोड़ा नगर पंचायत चुनाव ने स्पष्ट कर दिया है कि अब जनता किसी भी प्रलोभन या चुनावी रणनीति से प्रभावित नहीं होगी। भाजपा सांसद की 50 लाख की घोषणा, भाजपा जिलाध्यक्ष की चुनावी रणनीति, कांग्रेस की पारंपरिक राजनीति, इन सबके बावजूद जनता ने सेवा और समर्पण के आधार पर सुरेन्द्र चौधरी (सिल्लू भैया) को नगर की कमान सौंपी। अब देखना यह है कि क्या सांसद अपना वादा निभाएंगे, या यह केवल एक चुनावी जुमला बनकर रह जाएगा? जनता इस फैसले का इंतजार कर रही है!

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