रायगढ़

तमनार : ग्राम पंचायत बजरमुड़ा में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश, सरपंच और सचिव पर गंभीर आरोप…

रायगढ़, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के बजरमुड़ा ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच और सचिव पर सरकारी धन के गबन, फर्जी बिलिंग, अवैध भूमि सौदों और विकास कार्यों में भारी अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब गांव के जागरूक नागरिकों ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पंचायत के खर्चों का ब्यौरा निकाला और पाया कि सरकारी धन का दुरुपयोग कर इसे निजी स्वार्थों के लिए इस्तेमाल किया गया है।

ग्रामवासियों ने इस मामले में जांच की मांग करते हुए पंचायत कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। इस मामले ने पूरे जिले में भ्रष्टाचार और सरकारी अनियमितताओं पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

🔎 पूरा मामला: कैसे हुआ घोटाले का खुलासा? बजरमुड़ा पंचायत में बीते कुछ वर्षों में सड़क निर्माण, नाली निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल आपूर्ति योजना और अन्य ग्रामीण विकास परियोजनाओं के लिए लाखों-करोड़ों रुपये स्वीकृत किए गए थे। लेकिन जब ग्रामीणों ने इन योजनाओं की वास्तविक स्थिति देखी, तो वे दंग रह गए

ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार:

  • कई विकास कार्यों के लिए फर्जी बिल बनाकर सरकारी राशि का गबन किया गया।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को दिए जाने वाले मकानों में भारी घोटाला किया गया, कई लोगों को मकान नहीं मिले, जबकि दस्तावेजों में भुगतान दिखाया गया।
  • ग्राम पंचायत की जमीन को अवैध रूप से बेचा गया और उसकी रजिस्ट्री में धांधली की गई।
  • मनरेगा मजदूरी भुगतान में घोटाला हुआ— मजदूरों के नाम पर फर्जी उपस्थिति दर्ज कर रकम निकाल ली गई।
  • सड़क और नाली निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिससे कुछ महीनों में ही सड़कें उखड़ गईं और नालियां टूट गईं।

ग्रामीणों ने पंचायत के विभिन्न दस्तावेजों की जांच करने के बाद पाया कि कई भुगतान ऐसे लोगों के नाम पर किए गए हैं, जो गांव में रहते ही नहीं हैं। इससे साफ होता है कि यह घोटाला केवल सरपंच और सचिव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कई अन्य अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।

🔥 ग्रामीणों का आक्रोश: “हमारा हक लूटा जा रहा है!” बजरमुड़ा के जागरूक ग्रामीणों ने पंचायत के इस भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई। बीते दिनों सैकड़ों ग्रामीणों ने पंचायत कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और सरपंच व सचिव के खिलाफ नारेबाजी की।

एक ग्रामीण का कहना है: “हमारे गांव के विकास के लिए जो पैसा आता है, वह हम तक नहीं पहुंचता। सड़कें खराब हैं, पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, गरीबों को मकान नहीं मिल रहे। हम अब चुप नहीं बैठेंगे, दोषियों को सजा दिलवाकर रहेंगे!”

⚖️ कानूनी पहलू: दोषियों पर क्या हो सकती है कार्रवाई? यदि सरपंच और सचिव पर लगे आरोप साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ निम्नलिखित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है:

  • भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (सरकारी धन के गबन), 467 (फर्जी दस्तावेज तैयार करना) और 120B (षड्यंत्र)
  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत कड़ी सजा का प्रावधान
  • पंचायती राज अधिनियम, 1993 के अनुसार सरपंच को पद से हटाया जा सकता है और भविष्य में किसी भी चुनाव के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

🔮 क्या मिलेगा ग्रामीणों को न्याय? बजरमुड़ा कांड ने एक बार फिर साबित कर दिया कि ग्राम पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार किस तरह जड़ें जमा चुका है। यह देखना अब महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस घोटाले पर क्या कार्रवाई करता है? क्या दोषियों को वास्तव में सजा मिलेगी, या मामला दबा दिया जाएगा?

ग्रामीणों की जागरूकता और मीडिया की भूमिका इस मामले को आगे बढ़ाने में निर्णायक साबित होगीRM24 इस मामले की हर अपडेट आप तक पहुंचाएगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आपके साथ सदैव खड़ा रहेगा।

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