घरघोड़ा नगर पंचायत चुनाव : भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीयों के बीच कांटे की टक्कर, किसके सिर सजेगा ताज?…
रायगढ़। जिले की घरघोड़ा नगर पंचायत के चुनावी माहौल में सरगर्मी तेज हो चुकी है। 11 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप दे दिया है। भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच इस बार का मुकाबला बेहद रोचक हो गया है।
प्रमुख प्रत्याशी और उनकी रणनीति :
- निर्दलीय प्रत्याशी – सुरेंद्र सिंह चौधरी (सिल्लू भैया) : पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह चौधरी, जिन्हें जनता सिल्लू भैया के नाम से जानती है, ने इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी है। जय स्तंभ चौक पर हजारों समर्थकों की उपस्थिति में उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी, जिससे चुनावी माहौल और रोमांचक हो गया है। उनका कहना है कि यह चुनाव उनका नहीं, बल्कि घरघोड़ा की जनता का चुनाव है। वे भाजपा और कांग्रेस दोनों को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में नजर आ रहे हैं।
- भाजपा प्रत्याशी – सुनील सिंह ठाकुर : भाजपा ने नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सुनील सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा है। उनकी रणनीति मुख्य रूप से स्थानीय विकास और पार्टी की योजनाओं के प्रचार पर केंद्रित है। वे भाजपा की राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों को मतदाताओं तक पहुँचाने में जुटे हैं। जनसंपर्क के जरिए वे जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा के नेतृत्व में घरघोड़ा का चहुंमुखी विकास संभव होगा। उनके चुनाव प्रचार में पार्टी के वरिष्ठ नेता भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
- कांग्रेस प्रत्याशी – सोमदेव मिश्रा : कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए सोमदेव मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। उनकी रणनीति जमीनी स्तर पर जनसंपर्क मजबूत करने और स्थानीय समस्याओं को प्राथमिकता देने की है। उनका प्रचार अभियान मुख्य रूप से सड़कों की बदहाल स्थिति, जल आपूर्ति की दिक्कतें, और सफाई व्यवस्था को लेकर केंद्रित है। कांग्रेस पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता जनता से घर-घर जाकर समर्थन मांग रहे हैं। मिश्रा जनता को यह भरोसा दिला रहे हैं कि यदि वे जीतते हैं, तो इन बुनियादी समस्याओं को दूर किया जाएगा।
चुनावी समीकरण और संभावित असर :
- सुरेंद्र सिंह चौधरी की मौजूदगी इस चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबले में बदल रही है। यदि वे मजबूत प्रदर्शन करते हैं, तो भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए यह खतरे की घंटी हो सकता है।
- भाजपा के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है। यदि सुनील सिंह ठाकुर जीतते हैं, तो भाजपा अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है।
- कांग्रेस के लिए यह चुनाव सत्ता में वापसी का मौका है। सोमदेव मिश्रा की जीत कांग्रेस को मजबूत करेगी।
घरघोड़ा की प्रमुख समस्याएँ और चुनावी मुद्दे : चुनाव में विकास और जनसमस्याएँ मुख्य मुद्दे बने हुए हैं। नगर पंचायत क्षेत्र में सड़कों की जर्जर हालत, जल निकासी की समस्या, सफाई व्यवस्था की कमी, और पानी की किल्लत प्रमुख विषय बने हुए हैं। प्रत्याशी इन मुद्दों पर अपने-अपने वादे कर रहे हैं, लेकिन जनता इस बार वोट डालने से पहले हर दावे को परख रही है।
मतदान और मतगणना की तारीखें :
- मतदान: 11 फरवरी 2025
- मतगणना: 15 फरवरी 2025
घरघोड़ा नगर पंचायत चुनाव में इस बार रोमांच अपने चरम पर है। भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा। जनता अब यह तय करेगी कि किसके सिर नगर पंचायत अध्यक्ष का ताज सजेगा। परिणाम 15 फरवरी को घोषित किए जाएंगे, तब तक सभी दल और प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुटे हैं।
अब देखना यह होगा कि जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है- भाजपा, कांग्रेस या फिर निर्दलीय उम्मीदवार सुरेंद्र चौधरी?