रायगढ़

तमनार : ग्राम पंचायत बजरमुड़ा में 10 वर्षों में ₹1.68 करोड़ का विकास, हकीकत या कागजी घोटाला? पंचायत चुनाव में कंचन आशुतोष पोर्ते की मजबूत दावेदारी…

रायगढ़। जिले के तमनार तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बजरमुड़ा में विकास के नाम पर बीते 10 वर्षों में ₹1,68,63,683 की राशि खर्च की गई। दस्तावेजों में इस धनराशि का उपयोग सड़क निर्माण, जल निकासी, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए दिखाया गया ह??…लेकिन जब जमीनी हकीकत पर गौर किया जाए, तो विकास के नाम पर स्थिति जस की तस नजर आती है। क्या यह विकास केवल कागजों में हुआ, या फिर यह राशि वास्तव में जनकल्याण के लिए खर्च की गई?

पिछले 10 वर्षों का विकास: दावे और हकीकत : बजरमुड़ा पंचायत में किए गए विकास कार्यों पर नजर डालें, तो आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, इस दौरान कई परियोजनाएं पूरी की गईं:

सड़क निर्माण और मरम्मत:
पेयजल आपूर्ति एवं हैंडपंप मरम्मत:
शिक्षा और आंगनवाड़ी केंद्रों के सुधार:
जल निकासी और स्वच्छता:
स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार:

लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये योजनाएं कागजों में अधिक और जमीनी स्तर पर कम दिखती हैं।

भ्रष्टाचार के आरोप और दो साल पुराना घोटाला : करीब दो वर्ष पूर्व, ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार और सरकारी जमीनों की अवैध बिक्री के गंभीर आरोप लगे थे। ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर आंदोलन भी किया, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू की। हालांकि, इस जांच की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) का सच : ग्राम पंचायत बजरमुड़ा में विकास के लिए ‘ग्राम पंचायत विकास योजना’ (GPDP) जैसी सरकारी योजनाएं लागू की गई थीं, जिनका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर समग्र विकास करना था। लेकिन क्या यह योजना अपने वास्तविक उद्देश्य को पूरा कर पाई? ग्रामीणों की मानें तो कई योजनाएं आधे-अधूरे हाल में छोड़ दी गईं, और कई कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ।

(श्रीमती कंचन आशुतोष पोर्ते)

कंचन आशुतोष पोर्ते की सरपंच पद पर दावेदारी, जनता को दिलाया भरोसा : इस बार के पंचायत चुनाव में कंचन आशुतोष पोर्ते सरपंच पद के लिए मजबूत दावेदार के रूप में सामने आई हैं। उन्होंने अपने चुनावी अभियान में गांव के वास्तविक विकास, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की बात कही है।

कंचन आशुतोष पोर्ते की प्राथमिकताएं :

₹1.68 करोड़ के विकास कार्यों की जांच कराना।
हर घर तक स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
सड़क, जल निकासी और बिजली समस्याओं का स्थायी समाधान।
गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार।
भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी पंचायत प्रशासन।

क्या जनता बदलाव चाहती है, चुनावी माहौल गर्म : बजरमुड़ा के ग्रामीण अब पारदर्शी और जवाबदेह नेतृत्व की मांग कर रहे हैं। बीते वर्षों में पंचायत में हुई अनियमितताओं को लेकर जनता आक्रोशित है और इस बार चुनाव में बदलाव की लहर साफ दिखाई दे रही है।

क्या इस बार बदलाव संभव है? ग्राम पंचायत बजरमुड़ा के आगामी सरपंच चुनाव में कंचन आशुतोष पोर्ते की दावेदारी अन्य उम्मीदवारों के लिए चुनौती बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस बार ऐसे प्रतिनिधि को चुनेंगे, जो सिर्फ वादे नहीं, बल्कि वास्तविक विकास करके दिखाए।

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